पुजारी की पत्नी ने की आत्महत्याः पति पर गंभीर आरोप
आत्महत्या को अटैक बताने का खेल उजागर, पुलिस की भूमिका संदिग्ध

इंदौर। शहर के विजयनगर चौराहे स्थित कालका मंदिर के पुजारी राहुल यादव की पत्नी तमन्ना यादव की मौत अब एक साधारण आत्महत्या का मामला नहीं लग रहा, बल्कि इसे मोड़ने और दबाने की कोशिशें शुरू से ही दिख रही हैं। तमन्ना ने जहर खाया था, लेकिन इसके बाद जिस तरह से पूरा घटनाक्रम बदला गया, उसने पति राहुल यादव की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तमन्ना ने जीवित रहते पुलिस को दिए बयान में साफ कहा था कि वह पति की प्रताड़ना से परेशान थी। लेकिन इसकी गंभीरता को नजर अंदाज करते हुए पूरे मामले को अटैक का रूप देने की कोशिश शुरू हो गई। सबसे पहले तो उसे मंदिर के सामने मौजूद बड़े अस्पतालों- वेदांता, भंडारी या बॉम्बे हॉस्पिटल किसी में भी भर्ती नहीं कराया गया। ICU और बेहतर सुविधाएं होने के बावजूद तमन्ना को दूर स्थित एक छोटे से विवेक अस्पताल में ले जाया गया, जहां न तो आपात सुविधाएं थीं और न ही आवश्यक संसाधन। यह फैसला अपने आप में संदेह पैदा करता है कि आखिर क्यों बड़े अस्पतालों को छोड़कर छोटे अस्पताल का चयन किया गया। तमन्ना उस समय बोलने की हालत में थीं और उनका बयान उसी समय दर्ज होना चाहिए था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया-डाइंग डिक्लेरेशन न करवाया गया। यह चूक नहीं, बल्कि साजिश की तरफ इशारा करती है। पति राहुल यादव पर आरोप है कि उसने आत्महत्या को अटैक बताने का प्रयास किया और पूरे मामले को अलग दिशा देने की कोशिश की। तमन्ना की शादी को सिर्फ छह महीने हुए थे। अचानक हुई इस मौत के बाद अब पति की भूमिका सबसे ज्यादा संदेह के घेरे में है। अब विजयनगर पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। बॉडी को एमवाय अस्पताल भेजकर पोस्टमार्टम करवा कर मर्ग कायम किया गया है। हर संभव एंगल से पूछताछ की जा रही है। तमन्ना की मौत के पीछे की सच्चाई क्या है, यह जांच के बाद साफ होगा, लेकिन इतना निश्चित है कि पति के खिलाफ लग रहे आरोप बेहद गंभीर हैं। मामले को मोड़ने का पूरा प्रयास किया गया था।


