प्रधानमंत्री फसल बीमा है या मजाकः 23 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मिला पैसा
नाराज किसानों ने कही वापस करने की बात

हरदा। जिले में किसानों ने अनोखा कदम उठाते हुए फसल बीमा की राशि वापस करने की पहल की है। किसानों का कहना है कि बीमा राशि उनकी वास्तविक हानि की भरपाई करने में नाकाफी है और कई बार तो नुकसान की स्थिति में भी उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल पाता। इसी विरोध को जताने के लिए किसान सामूहिक रूप से बीमा कंपनियों को राशि लौटाने जिला मुख्यालय पहुंचे थे। किसानों ने बीमा राशि को अपने साथ मजाक बताया है। किसानों का आरोप है कि समय पर सर्वे नहीं होने और प्रक्रियागत जटिलताओं के कारण उन्हें बीमा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि बीमा राशि का निर्धारण पारदर्शी तरीके से किया जाए और फसल की वास्तविक स्थिति के अनुसार राहत दी जाए। इस पूरे घटनाक्रम से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की नाराजगी साफ झलक रही है। अब देखना होगा कि बीमा कंपनियां और प्रशासन इस कदम को लेकर क्या रुख अपनाते हैं। जानकारी केदार सिरोही, किसान नेता ने दी।




