
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मन की बात (Man Ki Baat) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, हम बहुत तेजी से इस कार्यक्रम के शतक की तरफ बढ़ रहे हैं. यह कार्यक्रम मेरे लिए 130 करोड़ देशवासियों से जुड़ने का एक और माध्यम है. हर एपिसोड से पहले, गांव-शहरों से आये ढ़ेर सारे पत्रों को पढ़ना, बच्चों से लेकर बुजुर्गों के ऑडियो मैसेज को सुनना, ये मेरे लिए एक आध्यात्मिक अनुभव की तरह होता है.
पीएम ने कहा, जी-20 की दुनिया की जनसंख्या में दो-तिहाई, वैश्विक व्यापार में तीन-चौथाई और वर्ल्ड जीडीपी में में 85% भागीदारी है. आप कल्पना कर सकते हैं कि भारत अब से तीन दिन बाद यानी एक दिसंबर से इतने बड़े समूह की, इतने सामर्थ्यवान समूह की, अध्यक्षता करने जा रहा है. G-20 की अध्यक्षता, हमारे लिए एक बड़ा मौका बनकर आई है. हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए विश्व कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना है.
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़े अवसर के रूप में आई है. हमें इस अवसर का पूरा उपयोग करना है और वैश्विक भलाई, विश्व कल्याण पर फोकस करना है. शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो, सतत विकास हो, भारत के पास इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है. हमने वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की जो थीम दी है, उससे वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर होती है.
पीएम ने अपने संबोधन में सबसे पहले G-20 का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा. मुझे विश्वास है कि आप संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों को दुनिया के सामने लाएंगे और आपको यह भी याद रखना होगा कि जी20 में आने वाले लोग, भले ही वे अभी प्रतिनिधि के रूप में आए हों, भविष्य के पर्यटक हैं.
हाल ही में देश के पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ के प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ”18 नवंबर को पूरे देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास बनते देखा. इस दिन भारत ने अंतरिक्ष में पहला रॉकेट भेजा. जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया था. इस रॉकेट का नाम ‘विक्रम-एस’ है. स्वदेशी अंतरिक्ष स्टार्टअप के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का दिल गर्व से ऊंचा हो गया. विक्रम-एस रॉकेट कई विशेषताओं से लैस है. उन्होंने कहा, ”यह अन्य रॉकेटों की तुलना में हल्का भी है, और सस्ता भी है.” इसकी विकास लागत अंतरिक्ष मिशन में शामिल अन्य देशों द्वारा किए गए खर्च की तुलना में बहुत कम है. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में, कम लागत पर विश्व स्तर का मानक अब भारत की पहचान बन गया है. इस रॉकेट को बनाने में एक और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है. मोदी ने कहा, ”आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रॉकेट के कुछ अहम हिस्से 3डी प्रिंटिंग से तैयार किए गए हैं. निश्चित तौर पर ‘विक्रम-एस’ के लॉन्च मिशन को दिया गया ‘प्रारंभ’ नाम बिल्कुल सही बैठता है. यह भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरूआत का प्रतीक है.
PM मोदी ने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले हमने देखा कि कैसे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में ड्रोन के जरिए सेब ट्रांसपोर्ट किए गए.
भारतीय संगीत पर बात करते हुए PM ने कहा कि बीते 8 सालों में भारत से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का निर्यात साढ़े तीन गुना बढ़ गया है. इलेक्ट्रिकल म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की बात करें तो इनका निर्यात 60 गुना बढ़ा है. इससे पता चलता है कि भारतीय संस्कृति और संगीत की लोकप्रियता दुनिया में बढ़ रही है.
PM ने कहा कि नागा संस्कृति के जो खूबसूरत आयाम धीरे-धीरे खोने लगे थे उन्हें ‘LIDI KROU’ संस्था ने पुनर्जीवित करने का काम किया है. उदाहरण के लिए इस संस्था ने नागा संगीत की एल्बम लॉन्च करने का काम शुरू किया है.