
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वैज्ञानिक देश की बढ़ती जरूरतें पूरी करने के लिए काम करें. उन्होंने कहा, आज हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जब मानवता पर नई-नई बीमारियों का संकट मंडरा रहा है. हमें नए रोगों की पहचान और वैक्सीन तैयार करने के लिए शोध और विकास को बढ़ावा देना होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन करते हुए अगले 25 वर्षों के लिए विज्ञान के दृष्टिकोण को रखा. शोधकर्ताओं से उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने और रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए ज्ञान का विस्तार करने पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने वैज्ञानिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने, क्वांटम प्रौद्योगिकी, डेटा विज्ञान, नए टीकों के विकास जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का भी आह्वान किया. नई बीमारियों के लिए निगरानी के प्रयासों को तेज करने और युवाओं को शोध के लिए प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया.
भारत का डंका P13
आह्वान महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें
मोदी ने कहा, आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि विज्ञान के जरिए महिला सशक्तिकरण करें बल्कि महिलाओं की भागीदारी से विज्ञान को भी सशक्त करें. कांग्रेस का मुख्य विषय भी महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी है.
अवसर भारत के पास डाटा, तकनीक भरपूर
प्रधानमंत्री ने कहा, पीएचडी और स्टार्टअप की व्यवस्था में भारत शीर्ष तीन देशों में शामिल है. मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के पास डाटा और प्रौद्योगिकी बहुतायत में हैं. इन दोनों में भारत के विज्ञान को बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है.