तुर्की और सीरिया में सोमवार को एक के बाद एक आए भूकंप में 2600 से अधिक लोगों की मौत

अंकारा . तुर्किये (तुर्की) और सीरिया में सोमवार को एक के बाद एक आए कई जलजलों ने भारी तबाही मचाई. रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 2600 से अधिक लोगों की मौत हो गई. पलक झपकते ही इमारतें जमींदोज हो गईं जिसमें हजारों लोगों के घायल होने की आशंका है. भूकंप के झटके लेबनान, साइप्रस, इजरायल, इराक, डेनमार्क, ग्रीनलैंड और फलस्तीन में भी महसूस हुए. राहत और बचाव कार्य जारी हैं.
तीन तगड़े झटके तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास सुबह करीब चार बजे भूकंप का शक्तिशाली झटका महसूस किया गया. दूसरा झटका करीब दस बजे 7.6 तीव्रता का जबकि दोपहर तीन बजे 6.0 की तीव्रता वाला झटका आया. इसके बाद भी करीब 20 झटके (आफ्टर शॉक) महसूस किए गए. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं. यह आपदा ऐसे समय आई है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है.
अस्पताल भी ढहा तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्वीट कर कहा, भूकंप में 1600 से अधिक लोग मारे गए. सैकड़ों घायल हैं. तलाश और बचाव दलों को प्रभावित क्षेत्र भेजा है. उधर, उपराष्ट्रपति फुअत ओकता ने बताया कि गजियांतेप और कहरामनमारस इलाके में करीब 900 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. एक अस्पताल भी ढह गया. इससे पहले, उत्तर-पश्चिम तुर्किये में वर्ष 1999 में आए भूकंप में करीब 18 हजार लोग मारे गए थे.
सीरिया में संकट उधर, सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि भूकंप से सीरिया सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में 538 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में भी 430 लोगों के मारे जाने की खबर है. इस आपदा ने उत्तर-पश्चिम सीरिया के कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने नया संकट खड़ा कर दिया, जो पहले ही रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है. यह क्षेत्र भोजन से लेकर चिकित्सकीय आपूर्ति तक हर चीज के लिए तुर्किये पर निर्भर है.
भारत एनडीआरएफ की दो टीम भेजेगा
तुर्किये और सीरिया में भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने राहत उपायों पर आपात बैठक की. इसमें तय किया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुरंत तुर्किये भेजा जाएगा. एनडीआरएफ की दो टीमें भेजी जा रही हैं. इनमें 100 कर्मी शामिल होंगे. इसके अलावा जरूरी दवाओं, प्रशिक्षित डॉक्टर और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल टीमों को भी तैयार किया जा रहा है.