रामलला के निर्माणाधीन मंदिर में हर पत्थर का लेखा-जोखा रख रहे

अयोध्या . श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर को एक हजार साल तक प्राकृतिक आपदाओं से संरक्षित रखने के लिए हर प्रकार की सावधानी बरती जा रही है और हर कदम पूरी सूझबूझ व तकनीक के जरिए उठाया जा रहा है.
इसी कड़ी में बंशीपहाड़पुर के एक-एक पत्थर को रखने के साथ उसके वजन और उससे पड़ने वाले दबाव के परिणामस्वरूप स्ट्रक्चर के एलाइमेंट की रीडिंग ली जाती है. रोज की रीडिंग के बाद सबकुछ ओके की रिपोर्ट प्रमाणपत्र की तरह मंदिर निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र व रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव को भी भेजी जा रही है.
इसका खुलासा स्वयं मंदिर समिति चेयरमैन एवं प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार नृपेन्द्र मिश्र ने एक साक्षात्कार में किया है. उन्होंने बताया कि इस जांच के लिए निर्माण स्थल पर विशेष उपकरण लगाए गए हैं.
इसके पहले तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय भी कह चुके हैं कि कोशिश ये है कि पत्थरों के रखरखाव में एक सूत का अंतर न आने पाए. यदि किसी दशा में अंतर आ गया तो स्ट्रक्चर की मजबूती प्रभावित हो जाएगी और कोई बड़ा भूकंप आने की दशा में नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहेगा.