कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर सोने से आंख की रोशनी गई

फ्लोरिडा . अमेरिका में एक व्यक्ति के कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर सोने से आंखों को रोशनी जाने का मामला सामने आया है. कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर सोने से उसकी दाहिनी आंख में मांस खाने वाले एक दुर्लभ परजीवी विकसित हो गया, जिस कारण उसकी एक आंख की रोशनी चली गई. वह सात वर्षों से अक्सर व्यस्त दिनों में लेंस लगाकर सो जाता था.
फ्लोरिडा के रहने वाले इक्कीस वर्षीय माइक क्रुमहोल्ज़ ने बताया कि वह सात सालों से कॉन्टेक्ट लेंस इस्तेमाल कर रहे हैं. इस दौरान जिस वग ज्यादा वयस्त होते थे उस दिन लेंस लगाकर ही झपकी ले लेते थे. इस दौरान उनकी आंखे लाल हो जाती थी, लेकिन उन्होंने इसे अनदेखा किया. लेकिन, धीरे-धाीरे चीजों ने गंभीर मोड़ लेना शुरू कर दिया.
पीडीटी रिलोकेशन सर्जरी के इलाज हुआ उन्होंने बताया कि करीब पांच अलग-अलग नेत्र रोग विशेषज्ञों और दो कॉर्निया विशेषज्ञों सलाह लेने के बाद पता चला कि उनकी दाहिनी आंख में एसेंथामोएबा केराटाइटिस बीमारी हो गई है. इस बीमारी में एक परजीवी के प्रभाव के चलते आंखों की रोशनी चली जाती है. क्रुमहोल्ज़ ने बताया कि कंजंक्टिवल फ्लैप की पीडीटी रिलोकेशन सर्जरी के जरिये उनका किया गया है.
लेंस लगाने वालों के लिए फैला रहे जागरूकता पिछले महीने बीमारी का पता चलने के बाद क्रुमहोल्ज अब इसको लेकर जागरूकता फैलाने में जुटे हैं. ऐसे लोगों के इलाज के लिए उन्होंने दस हजार डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा है.
जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
ऐनल्स ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित की गई छह रिपोर्ट में यह बात बतायी गई है कि कॉन्टेक्ट लेंस पहनने और इसके इस्तेमाल में अगर जरा भी लापरवाही की जाए तो इससे आंखों के कॉर्निया में गंभीर इंफेक्शन हो सकता है जिसे माइक्रोबिअल केराटिटिस कहते हैं.
स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं आंखें
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मेक्सिको के असिस्टेंट प्रफेसर जॉन फेमलिंग कहते हैं कि कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर सोना खतरनाक हो सकता है और इससे न सिर्फ इंफेक्शन का खतरा रहता है बल्कि कुछ मामलों में तो आंखें स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं.
प्रत्यारोपण की नौबत
अध्ययन में शामिल एक व्यक्ति सप्ताह में 3 से 4 दिन लगातार कॉन्टेक्ट लेंस लागकर सो जाता था और लेंस लगाकर ही स्वीमिंग भी करता था. कुछ दिन बाद उस व्यक्ति की आंखों में बैक्टीरियल और फंगल माइक्रोबिअल केराटिटिस हो गया. इसमें आखों का प्रत्यारोपण तक कराने की नौबत आ सकती है.