
नई दिल्ली . यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र में पेश होने वाले शांति स्थापना पर मसौदा प्रस्ताव पर भारत का समर्थन मांगा है. यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख आंद्रिये यरमाक ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को फोन कर कहा कि उनके लिए भारत का सहयोग काफी महत्वपूर्ण है.
यूक्रेन के बयान के अनुसार, यरमाक ने टेलीफोन कॉल के दौरान डोभाल को दोनेत्स्क क्षेत्र के बखमुत शहर में बेहद कठिन रक्षा हालात सहित मोर्चे पर वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी. यरमाक ने कहा कि हमें मालूम है कि रूस कुछ आक्रामक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है और हम इसका जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं. रूसी सेना में उत्साह नहीं है जबकि यूक्रेन के योद्धा अभूतपूर्व बहादुरी और प्रतिरोध का प्रदर्शन कर रहे हैं.
अहम समय में किया डोभाल को फोन यरमाक ने डोभाल को एक ऐसे समय में टेलीफोन कॉल किया है जब यूक्रेन में स्थायी शांति के रास्ते तलाशने के महत्व को रेखांकित करने वाले संयुक्त राष्ट्र के मसौदा प्रस्ताव पर इस सप्ताह मतदान होगा. यह मसौदा प्रस्ताव रूस के यूक्रेन पर हमले की शुरुआत के एक वर्ष पूरा होने पर लाया जा रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े संयुक्त राष्ट्र में अधिकांश प्रस्तावों पर मतदान के दौरान भारत अनुपस्थित रहा है.
दस बिंदुओं पर आधारित है शांति फॉर्मूला यरमाक ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के मैदान में मुकाबला जारी रखेगा, लेकिन इसके साथ ही एक शांति योजना का प्रस्ताव किया है. यह दस बिन्दुओं पर आधारित शांति फार्मूला है जिसमें उन सवालों का समग्र तरीके से जवाब दिया गया है कि युद्ध को न्यायोचित तरीके से समाप्त करने की दिशा में क्या कदम उठाये जाने चाहिए. इस मसौदे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में 23 फरवरी को विचार किया जाएगा.
‘भारत का रूस से तेल खरीदना सही’
नई दिल्ली. रूस पर लगे तमाम प्रतिबंधों के बीच तेल खरीद रहे भारत को लेकर नई दिल्ली में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को कहा कि रूस से सस्ती दरों पर कच्चा तेल खरीदने में कोई विरोधाभास नहीं है. नई दिल्ली में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एकरमैन ने कहा कि भारत के रूस से तेल खरीदने से हमें कुछ लेना-देना नहीं है. यह भी कहा कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के साथ आने के लिए एक बहुत ही उपयुक्त देश है.