
पुणे . विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को यहां एशिया आर्थिक संवाद में परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. जयशंकर ने कहा कि कोई भी देश अपनी समस्याओं से बाहर नहीं निकल सकता और समृद्ध नहीं हो सकता अगर उसका बुनियादी उद्योग आतंकवाद है.
विदेश मंत्रालय द्वारा यहां आयोजित संवाद में यह पूछे जाने पर कि क्या भारत मुसीबतों का सामना कर रहे पड़ोसी देश की मदद करेगा, जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों का मूलभूत मुद्दा है. इससे कोई बच नहीं सकता. मूलभूत समस्याओं से इनकार नहीं कर सकते. अगर मुझे कोई बड़ा फैसला लेना है, तो मैं यह भी देखूंगा कि जनता की भावना क्या है.
चीन से व्यापार असंतुलन की जिम्मेदारी भारतीय कंपनियों की भी जयशंकर ने चीन से व्यापारिक असंतुलन की चुनौती को बहुत गंभीर बताया. उन्होंने कहा कि इसके लिए सीधे तौर पर भारतीय कंपनियां भी जिम्मेदार हैं. उन्होंने कलपुर्जे समेत संसाधनों के विभिन्न स्रोत और मध्यस्थ तैयार नहीं किए. बड़े पैमाने पर बाह्य कर्ज राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालता है. चेताते हुए कहा कि विनिर्माण को कम करने वाले वास्तव में भारत के रणनीतिक भविष्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं, जयशंकर ने कहा कि जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में जिस समाधान की ओर देख रहा है, उसमें भारत के पास 15 प्रतिशत समाधान है. मंत्री ने आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के एक बयान के आधार पर यह बात कही. जॉर्जीवा ने कहा था कि इस साल दुनिया की 15 प्रतिशत वृद्धि भारत से होने वाली है.
भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी हद तक जाने को तैयार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि आज भारत की छवि ऐसे देश की बन गई है, जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है. जयशंकर ने यहां एक निजी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में कहा कि हर देश की अपनी चुनौतियां हैं, किंतु कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा के समान महत्व वाली नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे न तो धकेल कर बाहर किया जा सकता है और न ही वह बुनियादी सीमा को किसी को लांघने देगा.