
बेंगलुरु . कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम थम गया. इस बार के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा सत्ता बरकरार रखने के लिए तो वहीं कांग्रेस उसे पटखनी देने के लिए जोर- आजमाइश कर रही है. राज्य की तीसरी सबसे बड़ी ताकत जनता दल (एस) ने भी मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
निजी हमले के मामले भी आए जोर-शोर से चले प्रचार अभियान में नेताओं के एक-दूसरे पर निजी हमले करने के मामले भी सामने आए. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता पिछले कुछ दिन से पूरे राज्य में प्रचार अभियान में जुटे हुए थे.
भाजपा दक्षिण का द्वार बचाने में जुटी सत्तारूढ़ भाजपा सत्ता में क्रमिक रूप से बदलाव की 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने और दक्षिण भारत का द्वार कहे जानेवाले अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है. भाजपा का चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे, डबल इंजन की सरकार, राष्ट्रीय मुद्दों और कार्यक्रमों या केंद्र एवं राज्य सरकारों की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा.
सभी पार्टियों को वोटिंग डे का इंतजार
वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत कुछ वर्षों में सुपर पावर बन गया. हम अभी 5वें स्थान पर हैं और अगले 20-25 वर्षों में हम पहले या दूसरे स्थान पर होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने रोड शो और रैली कर राज्य की स्थिति को समझा. मुझे विश्वास है कि हम निश्चित तौर पर 135 सीटें जीतेंगे.
सभी पार्टियों ने जमकर किया प्रचार प्रसार
सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता पिछले कुछ दिन से पूरे राज्य में प्रचार अभियान में जुटे हुए थे. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में क्रमिक रूप से बदलाव की 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने और दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है. भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस कड़ी मेहनत कर रही है और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है.
कांग्रेस स्थिति मजबूत कर रही भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस कड़ी मेहनत कर रही है. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है.
विजेता बनने की जुगत में जद एस पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व में जद-एस ने चुनाव प्रचार में पूरी शक्ति झोंकी. पार्टी इस बार विजेता बन कर उभरना चाहती है.
मोदी की 18 जनसभाएं और 6 रोड शो
प्रधानमंत्री मोदी ने 29 अप्रैल से अब तक करीब 18 जनसभाएं और छह रोड शो किए हैं. चुनाव कार्यक्रम की 29 मार्च को घोषणा होने से पहले मोदी ने जनवरी से तब तक सात बार राज्य का दौरा किया था और विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया.