दुनिया

ग्लोबल साउथ को मिली प्राथमिकता जयशंकर

नई दिल्ली . विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की भारत की अध्यक्षता ने ‘ग्लोबल साउथ’ को प्राथमिकता दी है. इससे अफ्रीकी संघ समूह का सदस्य बन गया है.

शिखर सम्मेलन के परिणामों पर प्रेस वार्ता में जयशंकर ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ग्लोबल साउथ की आवाज को अभिव्यक्ति प्रदान करने के लिए 125 देशों से परामर्श किया गया था. इसके लिए भारत की अध्यक्षता असाधारण रही है. उन्होंने कहा, कार्यक्रम भारत के विभिन्न हिस्सों में 60 शहरों में आयोजित किए गए. इसमें असाधारण स्तर की लोकप्रिय भागीदारी और सामाजिक भागीदारी रही है. यह कहना सही है कि जी-20 ने ‘भारत को विश्व के लिए और दुनिया को भारत के लिए तैयार’ करने में योगदान दिया है.

घोषणापत्र समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, जिस घोषणापत्र पर नेता सहमत हुए वह मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. यह सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) पर प्रगति में तेजी लाने का प्रयास है. घोषणापत्र भविष्य के लिए हरित विकास समझौते की परिकल्पना करता है और टिकाऊ विकास के लिए जीवनशैली पर उच्च स्तरीय सिद्धांतों का समर्थन करता है.

विश्व तरक्की का सशक्त आह्वानअमिताभ कांत

‘नई दिल्ली घोषणा-पत्र’ मजबूत और सतत विकास, सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने, हरित विकास समझौते और बहुपक्षवाद में नये सिरे जान फूंकने पर केंद्रित है. भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘आज के युग को मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के स्वर्ण युग के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की जी-20 अध्यक्षता ने इस लक्ष्य की दिशा में अथक प्रयास किया है.’ कांत ने कहा, घोषणा-पत्र सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 आम सहमति के साथ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है.

एमडीबी को सशक्त बनाने पर जोर सीतारमण

भारत की अध्यक्षता में जी- 20 देशों ने बहुस्तरीय विकास बैंकों (एमडीबी) को अधिक सशक्त और मजबूत बनाने पर जोर दिया है ताकि 21वीं सदी में विकासशील देशों, विशेष रूप से सबसे गरीब और सबसे कमजोर देशों को विकास की धारा में लाने में मदद की जा सके. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम ऑपरेटिंग मॉडल को बढ़ाकर, जवाबदेही और पहुंच में सुधार करके और विकास प्रभाव को अधिकतम करने के लिए वित्तपोषण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करके बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी एमडीबी देने के लिए काम कर रहे हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button