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श्रद्धालुओं की परिकल्पना से परे होगा रामलला का श्रीविग्रह

अयोध्या. राम मंदिर दुनिया के सबसे बड़े कंबोडिया के मंदिर से कहीं अधिक सुंदर होगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब रामभक्त मंदिर को देखेंगे तो बस देखते रह जाएंगे. यह दावा राम मंदिर के शिल्पकार आशीष सोमपुरा का है.

वह कहते हैं कि नब्बे के दशक में मंदिर माडल देश भर के रामभक्तों के घरों में पहुंच चुका था इसलिए लोगों के दिलोदिमाग में बसी छवि को बदला नहीं जा सकता था. इसके कारण मूल ढांचे में बदलाव किए बिना उसको विस्तार दिया गया. उधर रामलला के श्रीविग्रह का निर्माण में जुटे मूर्तिकार विपिन भदौरिया ने भी दावा किया कि बालरूप भगवान का स्वरूप आम श्रद्धालुओं की परिकल्पना से परे है.

मूर्तिकार भदौरिया कर्नाटक के मूर्ति कला विशेषज्ञ प्रो.गणेश भट्ट के सहायक हैं और कृष्ण शिला से रामलला के श्रीविग्रह को सजीव बनाने में अनथक परिश्रम कर रहे हैं. वह बताते हैं कि पिछले पांच माह से बंद कमरे में बिना कोई अवकाश लिए श्रीविग्रह का निर्माण ही नहीं बल्कि राम दरबार के लिए भी मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस दौरान हम लोग बाहर निकल कर लोगों से इसलिए नहीं मिलते कि भगवान की जो छवि हमारे मन-मस्तिष्क में बसी है, उसको लेकर कोई भटकाव न आए. उनका कहना है कि 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. श्रीविग्रह की मुखाकृति के साथ उनके अंग-प्रत्यंग पर विविध आभूषण गढ़कर सम्पूर्ण विग्रह का स्वरूप दिया जा रहा है.कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज भी 90 तक मूर्ति निर्माण कर चुके हैं.

रामलला को रत्न जड़ित तीर-धनुष अलग से धारण कराया जाएगा

रामजन्म भूमि में विराजित होने वाले रामलला के श्रीविग्रह का निर्माण होने के बाद उन्हें नाना प्रकार के अंलकरणों से सुसज्जित कर तीर व धनुष अलग से धारण कराया जाएगा. यह तीर-धनुष स्वर्ण निर्मित और रत्न जड़ित होगा जिसे श्रीविग्रह के कंधे पर अलग से धारण कराया जाएगा. पांच वर्षीय बाल स्वरूप रामलला के श्रीविग्रह की लंबाई 51 इंच निर्धारित है जो चार तीन इंच होगी.

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय गुवाहाटी के लिए रवाना

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय शनिवार को गुवाहाटी जाएंगे और वहां विहिप व बजरंग दल की ओर से आयोजित शौर्य रथयात्रा में हिस्सा लेने के साथ जनसभा को सम्बोधित करेंगे. पुन 15 नवम्बर को दिल्ली वापस लौटेंगे और यहां से बरसाना में जाकर रामकथा मर्मज्ञ व अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति लब्ध संत मोरारी बापू से भेंट करेंगे और 17 अक्तूबर को वापस लौटेंगे.

 

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