
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चूका है। सभी पार्टियां राजनैतिक गुणा भाग में जुट गई हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की तारीखों का ऐलान हो गया है। यहां 7 और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं 3 दिसंबर को चुनाव रिजल्ट जारी होंगे। इसी बीच कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। इसमें सीएम भूपेश बघेल समेत 30 दिग्गजों के नाम हैं। उमेश नंदकुमार पटेल को एक बार फिर खरसिया से मैदान में उतारा गया है। बता दे की यह कांग्रेस का सबसे मजूबत किला मन जाता है। इस विधानसभा सीट की खासियत यह है कि 1977 यानी जब से खरसिया विधानसभा का आविर्भाव हुआ, तब से अब तक यहां कोई रिकॉर्ड नहीं टूटा है। बता दे की इस चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली में हुई बैठक के बाद ए, बी, सी, डी चार कैटेगरी में टिकट वितरण की रूपरेखा तैयार की थी।
मिली जानकारी के अनुसार इस विधानसभा ने मध्यप्रदेश को सीएम भी दिया है। एमपी के दौर में खरसिया विधानसभा के मतदाताओं ने मुख्यमंत्री भी दिया था. इसके लिए यहां 1988 में उप चुनाव हुआ था, जिसमें तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह ने जीत दर्ज की थी. उस दौरान इस सीट में लक्ष्मी प्रसाद पटेल विधायक थे. उन्होंने अर्जुन सिंह के लिए सीट छोड़ दी थी।
1977 में खरसिया विधानसभा का आविर्भाव हुआ था. तब से अब तक यहां कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. उस दौर में 1977 से 1985 तक यहां कांग्रेस के लक्ष्मी प्रसाद पटेल विधायक रहे. इस दौरान 1988 में अविभाजित मध्यप्रदेश के सीएम बनाए गए अर्जुन सिंह के लिए लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने सीट छोड़ दी थी और यहां हुए उप चुनाव में अर्जुन सिंह चुनाव जीते थे. इसके बाद 1990 से 2013 तक लगातार नंदकुमार पटेल विधायक रहे. वे अविभाजित मध्यप्रदेश में गृह मंत्री भी रहे. 2008 के बाद उनको पीसीसी अध्यक्ष बनाया गया था. जब उन्होंने पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाला था. इसी दौरान मई 2013 में परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमले में नंदकुमार पटेल और उनके बड़े पुत्र दिनेश पटेल शहीद हो गए थे।
इसके बाद 2013 में उमेश पटेल को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद 2018 में भी उन्होंने जीत दर्ज की और कांग्रेस की सरकार बनी तो उनको उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया. अब तीसरी बार उनको चुनावी रण में उतारा गया है. बीजेपी की ओर से खरसिया विधानसभा के लिए महेश साहू को प्रत्याशी घोषित किया गया है।