बर्फबारी के कारण थमी आदि कैलास यात्रा

सीमांत में मौसम के बदले मिजाज ने इस वर्ष आदि कैलास यात्रा पर रोक लगाने का काम किया है. मौसम की मार से पहले दल के यात्रियों को बगैर आदि कैलास के दर्शन के ही लौटना पड़ा. अब तीसरा दल तवाघाट-लिपूलेख मार्ग बंद होने से दो दिनों से धारचूला से आगे की यात्रा शुरू नहीं कर पा रहा.
आदि कैलास यात्रा 4 मई से शुरू हुई है. अब तक चार दल सीमांत जनपद पहुंचे हैं, लेकिन एक भी दल अपनी पूरी यात्रा नहीं कर सका है. दरअसल उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण यात्री पूरी यात्रा नहीं कर पा रहे हैं.
वहीं, बीते शुक्रवार को तवाघाट-लिपूलेख मार्ग में गर्भाधार के पास पहाड़ी से बोल्डर गिरने से आवाजाही ठप है. 48 घंटे बाद भी बीआरओ उक्त सड़क को नहीं खोल सका है. इससे तीसरा दल गुंजी की यात्रा शुरू नहीं कर पा रहा, जबकि अब तक तीसरे दल को वापस धारचूला लौट जाना था, लेकिन यात्री गुंजी ही नहीं पहुंच सके हैं. इधर चौथा दल भी जिला मुख्यालय से धारचूला के लिए रवाना हो गया है.
इस बार यात्रा को जल्दी शुरू कर दिया गया है जिससे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस साल जनवरी-फरवरी के महीने में सीमांत जिले पिथौरागढ़ में मौसम साफ रहा और बारिश नहीं हुई. लेकिन अब बेमौसमी बारिश और बर्फबारी हो रही है. जिसके चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बिना दर्शन के ही लौट रहे यात्री
मौसम की इस बेरुखी के कारण यात्रियों को बगैर दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है. यात्रा के लिए गए पहले दल दल के 19 यात्रियों को बिना आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए ही लौटना पड़ा. जिससे यात्रियों में निराशा है.
जिसके बाद दर्शन के लिए गए दूसरे दल के 12 यात्री भी ओम पर्वत के दर्शन कर ही वापस लौट गए हैं. हालांकि आदि कैलाश यात्रा के दूसरे दल के 12 यात्री ओम पर्वत के दर्शन के बाद कुटी से आगे बंद हुए रास्ते को देखने गए. यात्री आगे का रास्ता बर्फबारी के बाद से बंद होने के कारण वापस लौट आए.