
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार की तकनीकी जानकारियां न होने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया जा रहा है. बिटकॉइन, इथेरियम, सोलाना, एवालांचे, ईथर के बाद अब टेथर के जरिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में मोटी कमाई के लालच में लोग लुट रहे हैं. यह पूरा कारोबार टेलीग्राम एनक्रिप्टेड सोशल मीडिया एंड्रॉयड एप्लीकेशन पर हो रहा है. यहां चैनल पर निवेश कंपनियां प्रचार कर रही हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में भारतीय शेयर बाजार के मुकाबले 50 से 70% तक उतार-चढ़ाव होता है. टेथर कारोबारी इसी उतार-चढ़ाव में भारी मुनाफाखोरी का लालच देकर लोगों को फंसाते हैं. प्रॉफिट दिखाने के लिए शुरुआती ग्राहकों के बैंक खाते में मूलधन के अलावा कुछ राशि जमा की जाती है. ग्राहक झांसे में आकर ठगे जा रहे हैं. दो दिन पहले साइबर क्राइम सेल भोपाल ने टेथर में निवेश के नाम पर करीब 850 लोगों से 45 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना को तेलंगाना से गिरफ्तार किया है.
डिजिटल मुद्रा टेथर 2014 में लॉन्च हुई थी. टेथर ने शुरुआत में बिटक्वाइन नेटवर्क के ओमनी लेयर को अपने ट्रांसपोर्ट प्रोटोकॉल के रूप में इस्तेमाल किया. टेथर अब इथेरियम पर ईआरसी 20 टोकन के रूप में उपलब्ध है. इस तरह टेथर बिटक्वाइन (ओमनी और लिक्विड प्रोटोकॉल), इथेरियम, ईओएस और ट्रॉन ब्लॉकचेन पर जारी किया जाता है.