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अंग प्रत्यारोपण में उम्र सीमा खत्म

नई दिल्ली . केंद्र सरकार ने अंग प्रत्यारोपण नीति में बड़ा बदलाव किया है. इसके लिए आयु सीमा को खत्म कर दिया है. अभी तक 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अंग लेने पर पाबंदी थी. साथ ही ‘एक राष्ट्र-एक नीति’ को अपनाते हुए मूल निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है.

लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार अंग प्रत्यारोपण को पाठ्यक्रम में भी शामिल कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल) की जरूरत नहीं होगी. सभी राज्यों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है. अब जरूरतमंद व्यक्ति देश के किसी भी राज्य में जाकर अंग (ऑर्गन) प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करा सकेगा. अभी तक लोग अपने ही राज्य में ऑर्गन लेने के लिए पंजीकरण करा सकते थे. मंत्रालय ने अंग लेने के लिए राज्यों द्वारा ली जाने वाली पांच से दस हजार रुपये तक की रजिस्ट्रेशन फीस को भी खत्म कर दिया है. एक राष्ट्र-एक नीति टिश्यु पर भी लागू होगी.

दस साल में तीन गुना बढ़ा प्रत्यारोपण

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में वर्ष 2013 से 2022 तक अंग प्रत्यारोपण में तीन गुना वृद्धि हुई है. वर्ष 2013 में देश में कुल 4990 अंग प्रत्यारोपण हुए थे. वर्ष 2022 में ये बढ़कर 15561 हो गए. इन वर्षों में सबसे ज्यादा वृद्धि हृदय और फेफड़ो के प्रत्यारोपण में हुई है. वर्ष 2013 में जहां कुल 30 हृदय प्रत्यारोपण हुए थे. वहीं, 2022 में 250 प्रत्यारोपण हुए. इसी तरह फेफड़ों के प्रत्यारोपण के मामले 23 से बढ़कर 138 हो गए. अंग देने वालों में जीवित लोगों की संख्या अधिक है. इस दौरान गुर्दा प्रत्यारोपण के मामले भी बढ़े.

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