
देश में 5जी तकनीक से साइबर हमले बढ़ने की आशंका है. इसके मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा रणनीति पर काम कर रही हैं. इस बार साइबर विंग के बजट में बढ़ोतरी संकेत है कि सुरक्षा एजेंसियां इस दिशा में शोध, सुरक्षा उपकरणों और तकनीक पर ज्यादा ध्यान देंगी.
एजेंसियों का मानना है, आतंकी गुट और दुश्मन देश 5जी तकनीक का इस्तेमाल भारत में सेंधमारी के लिए कर सकते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र को 94 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह राशि पिछले वर्ष से करीब 60 फीसदी अधिक है. इससे साफ है कि सुरक्षा एजेंसियां नई तकनीक से साइबर हमलों को लेकर काफी सतर्क हैं.