
गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने सोमवार को आसाराम बापू को एक महिला शिष्या से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया. मामले में मंगलवार को सजा सुनाई जा सकती है. आसाराम के वकील ने कहा, सत्र अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.
आसाराम की शिष्या उसके आश्रम में ही रहती थी. दुष्कर्म का मामला दर्ज किए जाने के नौ साल बाद यह फैसला आया है. अभियोजन पक्ष ने कहा,सत्र अदालत के न्यायाधीश डीके सोनी ने साक्ष्यों के अभाव में आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, उनकी बेटी और अपराध को बढ़ावा देने के आरोपी चार शिष्यों सहित छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया. बता दें कि पीड़िता की छोटी बहन के साथ आसाराम के बेटे नारायण साईं ने दुष्कर्म किया था और उसे अवैध रूप से कैद कर रखा था. साईं को अप्रैल 2019 में सूरत की एक सत्र अदालत ने दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. छह अक्तूबर, 2013 को आसाराम बापू और छह अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, स्वयंभू संत ने 2001 से 2006 के बीच कई मौकों पर सूरत की महिला शिष्या से दुष्कर्म किया था.