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देश में 1 अक्तूबर, 2023 से भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम लागू किया जाएगा

नई दिल्ली . केंद्र सरकार ने पहली अक्तूबर 2023 से देश में पहली बार वाहन दुर्घटना परीक्षण की व्यवस्था लागू कर दी है. भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (बीएनसीएपी) के तहत वाहन सुरक्षा रेटिंग के मानक विश्व स्तर के होंगे और तीन कड़े पैमानों पर कारों को सुरक्षा रेटिंग दी जाएगी. इसके आधार पर ग्राहक अपने लिए सबसे सुरक्षित कार चुन सकेंगे.

भारत-एनसीएपी दुर्घटना परीक्षण में सफल हुई कार की विंड स्क्रीन पर स्टीकर लगाया जाएगा. इससे उपभोक्ता सुरक्षा संबंधित रेटिंग देखकर कार खरीदने का फैसला कर सकेंगे. क्रैश टेस्ट एजेंसी वेबसाइट पर इसका प्रमाण पत्र अपलोड करेगी.

सुरक्षा उपायों की अनदेखी सड़क परिवहन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा की दौड़ में कार कंपनियों सुरक्षा उपायों से समझौता करती हैं. अधिक माइलेज के कारण कार की बॉडी हल्की बनाकर समझौता किया जा रहा है. इस कारण भारत की बजट कारें (छह से 12 लाख कीमत) विदेश में होने वाले टक्कर परीक्षण फेल हो जाती हैं.

कार में पीछे बैठे बच्चे

इसके तहत यह जांचा जाता है कि कार में सामने और साइड से टक्कर होने पर पीछे की सीट पर बैठने वाले बच्चे कितने सुरक्षित रहे.

चालक और बालिग यात्री

इसमें ये देखा जाता है कि जब कार सामने की तरफ से टकराती है तब आगे की सीट पर बैठने वाले पैंसेजर और चालक कितने सुरक्षित रहे.

सीट बेल्ट और एयरबैग्स

इनमें एयरबैग्स, सेफ्टी बेल्ट, बैक सेंसर, कैमरा, स्पीड अलर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं. जब कार का क्रैश टेस्ट होता है तब इन्हीं के आधार पर रेटिंग दी जाती है.

शरीर पर लगने वाली चोट से भी रेटिंग तय होगी

क्रैश टेस्ट में कार पर आगे और साइड से टक्कर मारी जाएगी. दोनों स्थितियों में कार में रखी गई इंसानी डमी को जानलेवा चोट नहीं लगनी चाहिए. यदि सीने, सिर, पेट आदि में चोट लगती है तो उसकी गंभीरता के मुताबिक रेटिंग मिलेगी.

कम खर्च में परीक्षण

नई व्यवस्था से स्थानीय कार निर्माताओं कंपनियों को भी फायदा होगा. अभी वाहनों को विदेश भेजना पड़ता है, जहां ऐसा परीक्षण काफी महंगा पड़ता है. भारत-एनसीएपी में परीक्षण का खर्चा करीब 60 लाख रुपये होगा, जबकि विदेश में यह करीब 2.5 करोड़ बैठता है.

विदेशी रेटिंग से छुटकारा

इससे पहले विदेशी एजेंसी ग्लोबल एनकैप (जीएनसीएपी) और लैटिन एनकैप (एलएनसीएपी) अपने मानकों के अनुसार भारतीय कारों का परीक्षण कर उन्हें सुरक्षा रेटिंग रेटिंग देती हैं. कई बार यह भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप नहीं होतीं. इसे देखते हुए सरकार ने भारतीय मानकों के अनुसार भारत-एनसीएपी की शुरुआत की है.

नई व्यवस्था का समर्थन

वाहन कंपनियों ने इस प्रोग्राम का समर्थन किया है. उनका कहना है कि इससे देश में वाहन सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

 

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