
इंदौर . मध्य प्रदेश के इंदौर में एक मंदिर में गुरुवार को रामनवमी के मौके पर आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत धंसने से 13 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि 30 से अधिक श्रद्धालु बावड़ी में गिरे थे. 17 श्रद्धालुओं को बचा लिया गया है. पीड़ितों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, इंदौर शहर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर हवन कार्यक्रम था. इस दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जमा हो गई. इसी बीच बावड़ी की छत धंस गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था. छत संभवत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी. 40 फुट गहरी बावड़ी में चार से पांच फुट पानी था. यह मंदिर करीब 60 वर्ष पुराना है. इंदौर पुलिस कमिश्नर मकरंद देओस्कर ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि 11 श्रद्धालुओं के शव बावड़ी से निकाले गए हैं. इनमें 10 महिलाएं हैं. 19 लोगों को रस्सी के सहारे पुलिस ने बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया. इनमें से दो लोगों की अस्पताल में मौत हो गई. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं.
मुआवजे का ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार का मुआवजा देने की घोषणा की. वहीं, पीएमओ ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी.
इंदौर में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर स्थिति की जानकारी ली. सभी प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ मेरी प्रार्थना.
– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री