पति को कायर, निकम्मा कहना तलाक का आधार: हाईकोर्ट

नई दिल्ली. पत्नी का अपने पति को कायर या निकम्मा कहना क्रूरता है. यह तलाक का मजबूत आधार हो सकता है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक फैसले में यह टिप्पणी की. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर महिला पति पर उसके माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाती है तो यह भी तलाक का आधार होगा.
जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस उदय कुमार की पीठ ने कहा कि भारतीय परिवार में बेटे का शादी के बाद माता-पिता के साथ रहना आम है. उसकी पत्नी उसे माता-पिता से अलग करने का प्रयास करती है तो उसके लिए न्यायोचित कारण होना चाहिए. पीठ ने कहा, भारतीय संस्कृति माता-पिता के भरण-पोषण के लिए पुत्र के दायित्व की अवधारणा का पोषण करती है. महिला पति को समाज की सामान्य प्रथा से विचलित करने का प्रयास करती है तो उसके पास उचित कारण होने चाहिए. पत्नी के कहने पर माता-पिता से अलग हो जाना भारत में आम बात नहीं है. पीठ पश्चिम मिदनापुर की फैमिली कोर्ट के 25 मई, 2009 के उस आदेश को चुनौती देने वाली पत्नी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पति को पत्नी की क्रूरता के आधार पर तलाक का आदेश दिया गया था.