
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि संघर्षग्रस्त सूडान से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है. दिलचस्प बात यह है कि इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन कावेरी’ नाम देने का विकल्प बहुत मायने रखता है. एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि यह उसी तर्ज पर है, जैसा कि पीएम ने यूक्रेन से लोगों को निकालने के ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन गंगा’ का नाम दिया था.
जयशंकर ने कहा कि जहाज और विमान नागरिकों को स्वदेश वापस लाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चल रहा है. करीब 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं. इसके साथ ही कई और रास्ते में हैं. उन्होंने कहा कि हम सूडान में अपने सभी भाइयों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
भारत ने रविवार को कहा कि भारतीयों को निकालने के लिए अपनी आकस्मिक योजना के तहत सऊदी अरब के शहर जेद्दा में वायुसेना के दो परिवहन विमानों और सूडान के प्रमुख बंदरगाह पर एक नौसैनिक जहाज को तैनात किया था. सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि वह सूडान में रह रहे 3,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
सूडान की राजधानी खारतूम और अन्य जगहों पर सेना प्रमुख अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और शक्तिशाली अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के कमांडर मोहम्मद “हेमेदती” हमदान दागलो के प्रति वफादार सैनिकों के बीच लड़ाई जारी है.
बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने रूस के साथ संघर्ष के बीच यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में एक बड़ी चुनौती वाली भूमिका निभाई थी. यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए चलाए गए अभियान को ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया गया था. गंगा न केवल एक विशाल जल संसाधन है बल्कि भारत में इसकी पूजा की जाती है. इसी तरह अफगानिस्तान में तालिबान के हमले के समय भारत सरकार द्वारा चलाए गए बचाव अभियान को ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ का नाम दिया गया था.