
बेंगलुरु . इसरो की ओर से 14 जुलाई को रवाना किया गया चंद्रयान-3 यान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है. अभी अंतरिक्ष यान ऐसी कक्षा में घूम रहा है, जिसमें उसकी चांद से सबसे कम दूरी 164 किलोमीटर और सबसे ज्यादा दूरी 18074 किलोमीटर है. इसरो का अगला कदम चंद्रयान-3 के ऑर्बिट में कमी करना है, यानी यान चांद के और करीब हो जाएगा. इस दौरान यान चांद की 12 हजार किलोमीटर वाली कक्षा में पहुंच जाएगा.
इसरो के लिए अगले 17 दिन तक तक यह सफर काफी महत्वपूर्ण है. यान उसी तरह धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर बढ़ेगा, जैसे-जैसे यह पृथ्वी से दूर गया था. बता दें, चंद्रयान-3 चंद्रमा पर 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. यह मिशन की सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है. इससे पहले, इसरो ने ट्वीट करके कहा कि चंद्रयान-3 के सभी सिस्टम ठीक हैं और वह अच्छी से अपनी गति पर आगे बढ़ रहा है. वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट कर कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है.
अगले 17 दिन अहम
6 अगस्त 2023 रात 11 बजे चंद्रयान की ऑर्बिट को 10 से 12 हजार किलोमीटर वाली ऑर्बिट में डाला जाएगा.
9 अगस्त दोपहर पौने दो बजे ऑर्बिट को बदलने का प्रयास.
14 अगस्त गति को घटाकर 1000 किलोमीटर करेगा.
17 अगस्त पांचवें ऑर्बिट में प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे.
23 अगस्त शाम 5 47 बजे पर लैंडिंग की जाएगी.