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चीन ने समझौतों को नहीं माना जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन ने सीमा मुद्दों पर भारत के साथ हुए समझौतों का पालन नहीं किया. उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा बदलाव की कोशिश की. इसी वजह से दोनों पड़ोसियों के बीच तनावपूर्ण स्थिति है.

ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ को सोमवार को दिए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल नहीं रखने को लेकर समझौते हुए हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हालांकि चीन ने उन समझौतों का पालन नहीं किया. यही वजह है कि हमारे बीच वर्तमान में तनावपूर्ण स्थिति है. हमारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को एकतरफा ढंग से नहीं बदलने का समझौता था, जिसे चीन एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की है. अगर चीन भी यह कहे कि भारत ने समझौतों का पालन नहीं किया तो क्या होगा, इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि बीजिंग के लिए यह कहना मुश्किल है, क्योंकि रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है. आज उपग्रह चित्र बहुत अधिक स्पष्ट हैं. यदि हम देखते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना को सबसे पहले किसने भेजा, तो मुझे लगता है कि रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है. इसलिए आपने जो कहा, वह चीन के लिए कहना बहुत मुश्किल है.

भारतीय सेना के अनुसार नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आई थीं. जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद से भारत और चीन की सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी. जयशंकर दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से ऑस्ट्रिया पहुंचे. यह पिछले 27 वर्षों में भारत से ऑस्ट्रिया की पहली विदेश मंत्री स्तर की यात्रा है.

आतंकवाद पर यूरोपीय देशों के रवैये पर बरसे सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका के मद्देनजर पाकिस्तान को आतंक का केंद्र करार देने संबंधी अपनी टिप्पणी पर जयशंकर ने कहा कि वह इससे भी कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे. उन्होंने कहा कि दुनिया को आतंकवाद को लेकर चिंतित होने की जरूरत है. आतंकवाद पर यूरोपीय देशों के रवैये पर भी जयशंकर ने सवाल उठाए.

ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ को सोमवार को दिए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि आप एक राजनयिक हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बातों को घुमा फिरा कर कहें. उन्होंने कहा कि मैं केंद्र से अधिक कड़े शब्दों का उपयोग कर सकता था. उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, वह एक ऐसा देश है, जिसने कुछ वर्ष पहले भारत की संसद पर हमला किया, जिसने मुंबई शहर पर हमला किया, होटलों और विदेशी पर्यटकों तक को निशाना बनाया और जो प्रतिदिन सीमा पार से आतंकवादियों को भेजता है. अगर दिन दहाड़े शहरों में आतंकी अड्डे चल रहे हों, भर्तियां एवं वित्त पोषण हो रहा हो तब वास्तव में आप बताएं कि क्या पाकिस्तान की सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी.

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