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आठ महीने तक शरीर में रह सकता है कोरोना संक्रमण

नई दिल्ली. नए अध्ययन से पता चला है कि कोरोना वायरस इंसानों के दिमाग सहित पूरे शरीर में फैल सकता है. कोविड-19 से मरने वाले 44 लोगों की ऑटोप्सी से ऊतक के नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि वायरस मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में फैल गया था और यह लगभग आठ महीने तक बना रहा.

इन मरीजों ने कोरोनारोधी टीका नहीं लिया था. जिनकी जांच की गई उनमें 38 के रक्त प्लाज्मा का टेस्ट पॉजिटिव मिला था, तीन रोगियों का टेस्ट निगेटिव रहा जबकि तीन के खून का प्लाज्मा उपलब्ध नहीं था. विश्लेषण के अनुसार कोरोना वायरस ने बड़े पैमाने पर फेफड़े और सांस की नली के ऊतकों को संक्रमित और नुकसान पहुंचाया. लेकिन शोधकर्ताओं ने 84 अलग-अलग शरीर के स्थानों और शारीरिक तरल पदार्थों में वायरस का वायरल आरएनए भी पाया.

शोधकर्ताओं ने एक मरीज के हाइपोथैलेमस और सेरिबैलम में और दो अन्य रोगियों की रीढ़ की हड्डी और बेसल गैन्ग्लिया में कोरोना वायरस और प्रोटीन का पता लगाया. लेकिन उन्हें मस्तिष्क के ऊतकों को बहुत कम नुकसान हुआ था. अध्ययनकर्ता डैनियल चेरटो ने कहा कि पहले सोच यह थी कि कोरोना मुख्य रूप से श्वसन वायरस था. लेकिन ऐसा नहीं है.

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