
देश में तेजी से फैलते सड़क नेटवर्क के बीच बेहतर यातायात सुनिश्चित करने के लिए एडवांस सिस्टम को लगाया जा रहा है, जिससे सड़क पर रियल टाइम निगरानी रखी जा सके. इंडियन रोड कांग्रेस ने अध्ययन में सामने आया है कि वीएमसी का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. हादसे और जाम की सही जानकारी नहीं मिल रही है.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे समेत देश के अन्य मार्गों पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के तहत वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड (वीएमएस) लगाए गए हैं. इनका काम सड़क पर चल रहे यातायात को रियल टाइम अपडेट देना है. सड़क पर हादसा होने, जाम लगने या अन्य किसी तरह की बाधा उत्पन्न होने पर वाहन चालकों को वीएमएस कुछ किलोमीटर पहले ही जानकारी दे देता है. अध्ययन में पता चाला है कि भारत में सिर्फ चुनिंदा मैसेजों को ही बारबार फ्लैश किया जाता है. इनमें शराब पीकर ड्राइव न करें और यातायात नियमों का पालन करें जैसे संदेश शामिल हैं, मगर कोई भी ऐसा मैसेज बोर्ड पर फ्लैश नहीं होता है, जो रियल टाइम सड़क पर जानकारी देता हो.
अध्ययन में सामने आया कि एडवांस ट्रेवलर इंफार्मेशन सिस्टम (एटीआईएस) के तहत लगाए जाने वाले वीएमएस हादसों को रोकने में मददगार साबित हुए हैं. खासकर यूरोपीयन देशों में इनका बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके चलते उन देशों में यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने और दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिली. इन देशों में सड़क खराब होने, जाम और दुर्घटना होने पर तत्काल अथॉरिटी एवं वाहन चालकों को इसकी सूचना मिल जाती है. इससे पीछे से आ रहा ट्रैफिक अपना रास्ता बदल लेता है. रियल टाइम अपडेट के लिए जरूरी है कि कमांड एंड कंट्रोल रूम लगातार सड़क पर नजर रखे और दुर्घटना होने पर तत्काल सभी वीएमएस पर मैसेज प्रेषित करे.
दुर्घटना होने पर चालक को वीएमएस से अलर्ट करते हैं
अध्ययन में कहा गया है कि वीएमएस यूरोपियन और कुछ एशियाई देशों में सड़क दुर्घटनाएं रोकने में कारगर साबित हुआ है. खासकर मौसम खराब होने, जलभराव और दुर्घटना होने पर वाहन चालकों को अलर्ट कर देते हैं. दूसर अनुभव यह रहा है कि इससे सड़क पर खर्च होने वाले ईंधन में भी कमी आती है, क्योंकि जाम का मैसेज मिलने पर लोग रास्ता बदल लेते हैं. ऐसी स्थिति में वीएमएस समय बचाने में भी कारगर साबित हुआ है.