
पटना . मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आरक्षण का दायरा बढ़ाने पर निर्णय विधानमंडल में चर्चा के बाद ही होगा. मुख्यमंत्री जेपी जयंती के अवसर पर आयोजित राजकीय समारोह के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
आरक्षण का दायरा बढ़ाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हम इस पर कुछ नहीं बोलेंगे. जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को सदन में रखने के बाद सभी की राय हम सुनेंगे, उसके बाद सरकार इस पर निर्णय लेगी. जाति आधारित गणना से संबंधित पत्रकारों के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पार्टियों की सहमति के बाद ही हमलोगों ने जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना को विधानमंडल में रखा जाएगा. सभी परिवारों की आर्थिक स्थिति का ब्योरा भी सदन में रखा जाएगा, चाहे वे किसी भी जाति-धर्म के हों. सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों को भी इसकी जानकारी दी जाएगी. एक-एक चीज को लोग जानेंगे. उसके बाद सभी से विमर्श कर आगे इस पर काम किया जाएगा.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करने के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शुरू से कह रहे हैं कि भाजपा वालों ने मीडिया पर कब्जा कर रखा है. वे लोग सरकार के पैसे का सही इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं. वे लोग केवल अपना प्रचार-प्रसार करते हैं. आगामी चुनाव में जनता इनका निर्णय करेगी.
सम्राट हर बार पार्टी बदलते हैं पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी आरोप लगा रहे हैं कि लालू प्रसाद के कहने पर आपने यादव और मुस्लिम समाज की संख्या को बढ़ाकर दिखाया है. मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा ऐसे लोगों को ही आगे बढ़ा रही है जो हमको अपशब्द बोले. लेकिन, हम ऐसे लोगों को कोई महत्त्व नहीं देते हैं.
नियोजित शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा
बिहार के स्कूलों में कार्यरत चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है. शिक्षा विभाग ने बुधवार को बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 का प्रारूप जारी कर दिया है. इसमें साफ किया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से बहाल होने वाले शिक्षकों की तरह नियोजित को भी सुविधाएं और वेतनमान दिए जाएंगे. नियोजित शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार चयनित एजेंसी के माध्यम से नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेगी. परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर दिये जाएंगे.