राष्ट्र

मांग डीजल-पेट्रोल को जीएसटी में लाया जाए

नई दिल्ली . एक फरवरी को केंद्र सरकार आम बजट पेश करेगी, जिससे व्यापारी और ट्रांसपोर्टर उम्मीद लगाए बैठे हैं. ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है. ऐसे में सरकार को डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम पहले से ही इसके लिए तैयार रहे हैं. यह मेरी समझ है. हालांकि, दूसरा मुद्दा इसे लागू करने के तरीके का है. उस सवाल को वित्त मंत्री के सामने उठाया जाना चाहिए.”

लंबे समय से पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग है

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की लंबे समय से उठ रही मांग के बीच पेट्रोलियम मंत्री ने इस बात की आशंका जताई कि राज्यों के बीच इसपर सहमति बनने की संभावना कम ही है. उन्होंने कहा कि राज्यों के राजस्व का प्रमुख स्रोत शराब और पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाला टैक्स ही होता है. पुरी ने कहा, “यह समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि राज्यों को इनसे राजस्व मिलता है. राजस्व पाने वाला आखिर उसे क्यों छोड़ना चाहेगा? सिर्फ केंद्र सरकार ही महंगाई दर और अन्य बातों को लेकर फिक्रमंद रहती है.

राज्यों के वित्त मंत्री नहीं हुए तैयार-हरदीप सिंह पुरी

उन्होंने केरल उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले को जीएसटी परिषद में उठाने का सुझाव दिया गया था लेकिन राज्यों के वित्त मंत्री इस पर तैयार नहीं हुए. उन्होंने कहा, “जहां तक जीएसटी का सवाल है तो हमारी या आपकी इच्छाएं अपनी जगह हैं, हम एक सहकारी संघीय व्यवस्था का हिस्सा हैं.

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