सावरकर को भारतरत्न देने की मांग

नागपुर. विधानसभा के शीतकालीन सत्र की पूर्वसंध्या पर महापुरुषों के अपमान के मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामकता दिखाई लेकिन शिवसेना कुछ अलग ही मूड में नजर आई. शिवसेना (उद्भव बालासाहब ठाकरे गुट) की ओर से स्वातंत्र्यवीर सावरकर को भारतरत्न दिए जाने की मांग दोहराई गई. इस विषय पर कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी द्वारा दिए गए वक्तव्य पर विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे मौन धरे हुए दिखाई दिए.
विपक्षी दलों द्वारा आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान महापुरुषों के अपमान और सावरकर को लेकर अपनाए गए रुख को लेकर शिवसेना की क्या भूमिका है, यह सवाल दानवे से किया गया. उचित नहीं. इसका ठोस जवाब देने के बजाय उन्होंने सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग रखी.
साथ ही कहा कि हम कई साल से ये मांग कर रहे हैं. केंद्र में भाजपा की सरकार ने 2014 से इस पर कोई कदम नहीं उठाया है. राज्य सरकार ने भी इसे लेकर कोई पहल नहीं की. शिवसेना नेता दानवे ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे लिए मेरे कार्यकाल में का इसी मुद्दे पर जोर है. शिवसेना ने सावरकर के लिए कई दफा आंदोलन किए हैं.
सावरकर के मुद्दे को लेकर दानवे से लगातार के मुद्दे पर मुझे बेवजह होते सवालों के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने स्थिति को संभाला. पवार ने कहा कि राज्य की दृष्टि से बेरोजगारी, महंगाई जैसे विषयों पर चर्चा होनी चाहिए.