
भारत सरकार (Indian Government) ने दिल्ली समेत कुछ एयपोर्ट (Airport) पर एंट्री के लिए यात्रियों को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने एक नई सुविधा (Paperless Service) शुरू की है, जिसके तहत अब यात्रियों को अपने साथ बोर्डिंग पास और आईडी कार्ड ले जाने की जरूरत नहीं होगी. सिर्फ यात्री के चेहरे की पहचान करके एयरपोर्ट पर एंट्री दे दी जाएगी.
दरअसल, भारत (India) के चुनिंदा एयरपोर्ट को पेपरलेस बनाने के लिए सरकार ने डिजी यात्रा (Digi Yatra) नामक एक साॅफ्टवेयर को डेवलप किया है. इसका उपयोग करके ही लोगों को एयरपोर्ट में एंट्री (Airport Entry) दी जाएगी. यात्री के चेहरे को साॅफ्टवेयर स्कैन करेगा और अगर पहचान हो जाता है तो ही यात्री को प्रवेश मिलेगा.
पहले चरण में इसे सात एयरपोर्ट पर और घरेलू उड़ान यात्रियों के लिए ही शुरू किया गया है. आज से ये तीन हवाई अड्डों – दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी में लॉन्च किया गया है. इसके बाद मार्च 2023 तक इस तकनीक को चार हवाई अड्डों- हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा में लागू किया जाएगा. इसके बाद ये टेक्नोलॉजी पूरे देश में लागू होगी.

आधार से लिंक है डिजी यात्रा
एयरपोर्ट के ई-गेट पर यात्री को पहले तो बार कोड वाला बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा और फिर वहां लगी फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को वैरिफाई करेगी. इस प्रक्रिया के बाद यात्री ई-गेट के जरिए हवाई अड्डे में प्रवेश सकेगा. डिजी यात्रा पूरी तरह से आधार के साथ लिंक्ड है, इसलिए अगर कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध कोई कार्यवाही चल रही है, तो इसकी जानकारी तुरंत हो जाएगी. यात्री सुरक्षा की दिशा में भी ये एक अहम कदम है.
क्या है डिजी यात्रा
Facial Recognition Technology (FRT) पर डिजी यात्रा प्रकिया काम करेगी, जो यात्री के चेहरे को स्कैन उसको एयरपोर्ट में एंट्री की अनुमति देगी. साथ ही कई चेक प्वाइंट पर यात्रियों को चेकिंग से राहत दे सकता है. इस सुविधा की मदद से यात्रियों को लंबी कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज राष्ट्रीय राजधानी में डिजी यात्रा की शुरुआत की है. पहले स्टेप के तहत इसको सात एयरपोर्ट पर पेश किया गया है. वहीं, आज तीन एयरपोर्ट दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी में लाॅन्च किया जाएगा. इसके बाद, इसे मार्च 2023 तक हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा एयरपोर्ट पर पेश किया जाएगा. इसके बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. फिलहाल डोमेस्टिक फ्लाइट के यात्रियों के लिए लॉन्च किया जा रहा है.
डिजी यात्रा कैसे करेगा काम
अगर कोई इस सुविधा का उपयोग करता है तो चेहरे की बायोमेट्रिक ली जाएगी. इसके बाद पहले से सेव डाटा के अनुसार, इसकी पहचान की जाएगी और एयरपोर्ट में जाने की अनुमति दी जाएगी. अगर ऐप या पोर्टल पर डाटा सेव नहीं किया गया यानी कि रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है, तो पहले की तरह ही एयरपोर्ट में एंट्री लेनी होगी.