दिग्विजय सिंह ने कहा- अधिकांश विपक्षी दल रिमोट वोटिंग मशीन के खिलाफ

नई दिल्ली. निर्वाचन आयोग सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (आरवीएम) का प्रोटोटाइप दिखाएगा. आरवीएम के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए कानून में आवश्यक बदलाव जैसे मुद्दों पर दलों को जनवरी के अंत तक अपने विचार लिखित रूप में देने को कहा गया था. यदि इसे लागू किया जाता है तो प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिलों की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी. आयोग ने आठ मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दलों और 57 मान्यताप्राप्त राज्यस्तरीय दलों को सोमवार सुबह एक प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया है.
अधिकतर विपक्षी दल चुनाव आयोग के रिमोट वोटिंग मशीन (आरवीएम) के प्रस्ताव का विरोध करेंगे. विपक्षी दलों का कहना है कि प्रवासी मतदाता की परिभाषा और मतदाताओं की संख्या स्पष्ट नहीं है. साथ ही ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर भी कई सवाल हैं, इसलिए विपक्ष आयोग के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से विरोध करेगा.
आरवीएम पर चुनाव आयोग की बैठक से पूर्व रविवार को कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दलों की बैठक हुई. बैठक के बाद मीडिया से हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम सभी दलों ने सर्वसम्मति से चुनाव आयोग के प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने सियासी दलों से 31 जनवरी तक अपना रुख साफ करने को कहा है. ऐसे में सभी पार्टियां 25 जनवरी को बैठक कर यह तय करेंगी कि आयोग के प्रस्ताव का सभी दल एक साथ जवाब दाखिल करें या अलग-अलग. बैठक में 16 विपक्षी पार्टियां उपस्थित थी. तृणमूल ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया. इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें अभी आरवीएम पर तृणमूल कांग्रेस के रुख के बारे में पता नहीं है. वहीं, सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि सभी दल सोमवार को होने वाली चुनाव आयोग की बैठक में अपने मुद्दे उठाएंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का प्रस्ताव पारदर्शी नहीं है. आयोग ने प्रवासी मतदाताओं की परिभाषा और 30 करोड़ के आंकड़े का कोई स्रोत नहीं बताया है. राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि चुनाव आयोग के प्रस्ताव में कई खामियां हैं. बैठक में सपा और एनसीपी की अनुपस्थिति पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि किन्हीं कारणों दोनों दल बैठक में शामिल नहीं हो सके. पर उन्होंने बैठक के साथ अपनी एकजुटता जताई है.