
स्टेनफोर्ड . कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जब वह राजनीति में आए थे, तब उन्होंने नहीं सोचा था कि उन्हें लोकसभा सदस्यता से कभी अयोग्य घोषित किया जाएगा. हालांकि, इससे उन्हें लोगों की सेवा करने का बड़ा मौका मिला है. कांग्रेस नेता ने कैलिफोर्निया में प्रतिष्ठित स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी परिसर में भारतीय छात्रों के सवालों के जवाब में यह बात कही. राहुल अमेरिका के तीन शहरों की यात्रा पर हैं.
मालूम हो कि मोदी उपनाम को लेकर वर्ष 2019 में की गई टिप्पणी मामले में राहुल को इस साल की शुरुआत में दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद, कांग्रेस नेता को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वह केरल के वायनाड से सांसद थे. राहुल गांधी ने संसद सदस्य के रूप में लोकसभा से अपनी अयोग्यता पर कहा कि उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ होगा. राहुल ने कहा, लेकिन फिर मुझे लगता है कि इसने मुझे वास्तव में एक बड़ा अवसर दिया है. शायद बेहद बड़ा अवसर. राजनीति ऐसी ही होती है.
छात्रों ने राहुल से पूछा, अगले पांच से दस वर्षों में भारत और चीन के बीच संबंध कैसे होंगे, आप इसे कैसे देखते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि चीन-भारत पर कुछ थोप नहीं सकता. भारत और चीन के संबंध आसान नहीं हैं, ये मुश्किल होते जा रहे हैं. मेरा मतलब है कि उन्होंने हमारे कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है. मालूम हो कि भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तीन वर्षों से गतिरोध कायम है.
राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने और आलोचना का अधिकार है. आलोचना लोकतंत्र का हिस्सा है. मगर भारत में संस्थानों की स्वायत्तता पर हमले किए जा रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत में राजनेताओं और जनता के बीच संवाद की कमी है. सभी दलों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
बातचीत के दौरान राहुल ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखने की भारत की नीति का समर्थन किया. कांग्रेस नेता से सवाल किया गया था कि क्या वह रूस को लेकर भारत के तटस्थ रुख का समर्थन करते हैं, इस पर उन्होंने कहा, हमारे रूस के साथ संबंध हैं, हमारी रूस पर कुछ निर्भरताएं है. इसलिए मेरा वही रुख है जो भारत सरकार का है.
पेगासस स्पाइवेयर और इसी तरह की तकनीक के मुद्दे पर राहुल ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वह इसे लेकर चिंतित नहीं हैं. एक समय था, जब उन्हें पता था कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और उन्होंने अपने आईफोन पर मजाक में कहा, हैलो! मिस्टर मोदी. मुझे लगता है कि मेरा मोबाइल टैप किया गया. आपको एक राष्ट्र के रूप में और एक व्यक्ति के रूप में भी डाटा सूचना की गोपनीयता के संबंध में नियम बनाने की जरूरत है.