
राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं समेत 23 औषधियों के खुदरा मूल्य तय कर दिए हैं. प्राधिकरण ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की.
अधिसूचना में कहा गया है कि 26 मई को प्राधिकरण की बैठक में लिए गए फैसलों के आधार पर इन दवाओं की खुदरा कीमतें तय की गई हैं.
ये है नया रेट
अधिसूचना के अनुसार, एनपीपीए ने मधुमेह की दवा ‘ग्लिक्लाजाइड ईआर’ और ‘मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड’ की एक गोली की कीमत 10.03 रुपये तय की है. इसी तरह टेल्मिसर्टन, क्लोर्थालिडोन और सिल्नीडिपाइन की एक गोली की खुदरा कीमत 13.17 रुपये होगी. दर्द निवारक दवा ट्रिप्सिन, ब्रोमेलैन, रुटोसाइड ट्राइहाइड्रेट और डाइक्लोफेनाक सोडियम की एक गोली की खुदरा कीमत 20.51 रुपये तय की गई है. एनपीपीए ने कहा कि उसने दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश 2013 (एनएलईएम 2022) के तहत 15 अधिसूचित फॉर्मूलेशन के अधिकतम मूल्य में भी संशोधन किया है. इसके अलावा दो अनुसूचित फॉर्मुलेशन की अधिकतम कीमत भी तय की गई है.
एनपीपीए ने कहा कि दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश 2013 (एनएलईएम 2022) के तहत 15 अधिसूचित दवाओं के अधिकतम मूल्य में भी संशोधन किया गया है. इसके अलावा दो अनुसूचित दवाओं की अधिकतम कीमत भी तय की गई है.
कोरोना महामारी के बाद से दवाईयों की कीमत तेजी से बढ़ी है. जरूरी बीमारी की दवाईयां भी काफी महंगी मिल रही है. इससे गरीब और कम कमाई वाले लोगों को बड़ी परेशानी का सामाना करना पड़ा है. इस परेशानी को देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने देशभर में 2,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केंद्र खोलने की मंजूरी दे दी है. सहकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकार दी. आपको बता दें कि अभी तक जन-औषधि केंद्र बड़े अस्पतालों और शहरों तक सीमित है. इस फैसले से गांव-गांव तक जन-औषधि केंद्र खुल जाएंगे. इससे लोगों को सस्ती दवाईयां मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा. आपको पता ही होगा कि जन-औषधि केंद्र पर जेनरिक दवाईयां मिलती है जो बाजार में मिलने वाली दवाईयों से कई गुना सस्ती होती है. इससे लोगों को बड़ी बचत होगी.