गणतंत्र दिवस पर पहली बार परेड में स्वदेशी तोपों ने सलामी दी

नई दिल्ली . गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान गुरुवार को पहली बार स्वदेशी तोपों से सलामी दी गई. पहले परंपरागत रूप से 21 तोपों की सलामी 25-पाउंडर तोपों से दी जाती थी. इनकी जगह 105 एमएम की स्वदेशी फील्ड तोपों का इस्तेमाल किया गया.
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दी जाने वाली 21 तोपों की सलामी की अवधि भी राष्ट्रगान के समान 52 सेकंड की ही होती है. अब तक राजपथ पर परेड के दौरान परंपरागत सलामी के लिए 2281 फील्ड रेजीमेंट में शामिल 1940 के समय की सात तोपों का इस्तेमाल किया जाता था. ब्रिटेन में निर्मित इन तोपों ने द्वितीय विश्व युद्ध में भी भाग लिया था. दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा था कि हम स्वदेशीकरण की ओर जा रहे हैं. वह समय दूर नहीं जब सभी उपकरण स्वदेशी होंगे. इन उपकरणों का सेना इस्तेमाल करेगी.
पहली बार परेड में स्वदेशी तोपों ने सलामी दी
1. नौसेना के मार्चिंग दल में नौ अग्निवीर शामिल किए गए.
2. मिस्र के सशस्त्रत्त् बलों के दस्ते, संगीत बैंड ने हिस्सा लिया.
3. झांकी में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष का जश्न मनाते बाजरा की रंगोली का प्रदर्शन.
4. परेड में तीन परमवीर चक्र, तीन अशोक चक्र पुरस्कार विजेताओं ने हिस्सा लिया.
5. राजपथ का नाम कर्तव्य पथ करने के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में पहली परेड हुई.
6. सेंट्रल विस्टा, कर्तव्य पथ, नए संसद भवन के निर्माण में शामिल श्रमयोगियों के एक समूह,रेहड़ी-पटरी वालों को आमंत्रित किया गया.
7. दिल्ली पुलिस का महिला पुलिस बैंड परेड में शामिल.