
इस बार सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने और अल नीनो उत्पन्न होने की आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की. इसमें अस्पतालों में आग से सुरक्षा उपायों के ऑडिट और जंगल की आग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत पर जोर दिया गया.
बैठक में प्रधानमंत्री को अगले पांच महीनों के बारे में मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी दी गई. उन्हें रवि फसल पर प्रभावों और प्रमुख फसलों के उत्पादन के बारे में भी बताया गया. इस दौरान सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति, चारे एवं पेयजल आपूर्ति की स्थिति की भी समीक्षा की गई. प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अस्पतालों का विस्तृत फायर ऑडिट किया जाए तथा वहां मॉक ड्रिल भी करें. जंगलों को आग से बचाने के लिए व्यवस्थाओं में व्यापक बदलाव करें. भारतीय खाद्य निगम को अनाजों का जरूरी भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए.
प्रधानमंत्री ने कहा, विभिन्न पक्षों के लिए जागरुकता सामग्री तैयार की जाए, जिसमें वरिष्ठ नागरिक, स्वास्थ्यकर्मी, निगम एवं पंचायत कर्मी, आपदा प्रतिक्रिया दल, अग्निशमन आदि शामिल किए जाएं. उन्होंने कहा कि स्कूलों में मल्टीमीडिया लेक्चर आयोजित करें ताकि बच्चों को गर्मी से बचाव को लेकर जागरूक किया जा सके.
मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी आसानी से मिले
प्रधानमंत्री ने मौसम विभाग से कहा कि वह मौसम पूर्वानुमान इस तरह जारी करे, जो सहजता से लोगों तक पहुंच सके. लोगों को जागरूक करने के लिए टीवी चैनलों, रेडियो पर मौसम पर चर्चा की जाए और रोज कुछ देर समाचारों का प्रसारण करें. इससे जरूरी तैयारियां करने का मौका मिलेगा.