
नई दिल्ली . आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर सरकार गंभीर हो गई है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई के नियंत्रित इस्तेमाल को लेकर नए नियम लाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार एआई को रेगुलेट करेगी.
उन्होंने साफ-साफ कहा कि नागरिक को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी टेक्नोलॉजी के संचालन की इजाजत नहीं होगी चाहे मामला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का हो या चैट जीपीटी का या फिर साइबर स्पेस में सुरक्षा का. जल्द ही सरकार डिजिटल इंडिया एक्ट के प्रस्तावित मसौदे पर स्टेक होल्डर्स के साथ चर्चा शुरू करने जा रही है. इस साल नया पर्सनल डाटा सुरक्षा बिल भी संसद में पेश किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि नया पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल भी जल्द संसद में पेश होगा. इंटरनेट पर विषाक्तता और अपराधों में काफी वृद्धि हुई है. हम डिजिटल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि 85 करोड़ भारतीय इंटरनेट का उपयोग करते हैं. 2025 तक 120 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है.
यहां हैं चुनौतियां
● निजता को खतरा कुछ दिनों पूर्व बग के कारण चैटजीपीटी की सर्च हिस्ट्री लीक हुई थी. ऐसा खतरा आगे भी रहेगा.
● सुरक्षा का डर अभी एआई को दी जाने वाली कमांड फिक्स हैं, पर आगे मानव रहित एआई आधारित रक्षा उपकरणों में गड़बड़ी हुई तो यह नई चुनौती होगी.
नौकरियों पर किसी प्रकार का संकट नहीं चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने कहा कि फिलहाल एआई से नौकरियों को कोई खतरा नहीं है. एआई कामकाज को बेहतर बनाने के लिए है, पर ऐसी स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं है जहां तर्क और बुद्धिमत्ता की आवश्यकता हो.