एच 1 बी वीजा धारकों को भी मिले अमेरिकी नागरिकता बाइडन

वाशिंगटन . अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्टेट ऑफ यूनियन के संबोधन में कहा कि वह अमेरिकी कांग्रेस से आग्रह करेंगे कि आव्रजन सुधार नीतियों संबंधी प्रस्ताव को पारित करें. ये एक ऐसा कदम है जो न केवल अवैध प्रवासियों बल्कि एच-1बी वीजाधारकों को भी कानूनी रूप से देश की नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करेगा.
बाइडन ने कहा कि अमेरिकी नागरिकता का सपना देखने वाले, ऐसे अप्रवासी जो यहां अस्थायी नागरिक के तौर पर रह रहे हैं, कृषि व अन्य क्षेत्र से जुड़े अप्रवासी श्रमिकों के अधिकार और स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है. कई अप्रवासी लोग बच्चों के साथ अमेरिका आते हैं. आज भी अमेरिका में ऐसे लाखों लोग हैं जो नागरिकता की आस लगाए बैठे हैं. इनमें से सबसे ज्यादा संख्या उन लोगों की है जो एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिका आए हैं और ग्रीन कार्ड के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे हैं. बाइडन ने कांग्रेस से आव्रजन प्रस्ताव पर साथ आने और आव्रजन को पहले की तरह द्विदलीय मुद्दा बनाने का आग्रह किया.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को सीधी चेतावनी दी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रतिद्वंदी देश हमारी संप्रभुता को खतरा उत्पन्न करता है, तो हम आत्मरक्षा में सख्त कदम उठाएंगे. बाइडन ने मंगलवार रात अपने स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में कहा कि मैं चीन के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जहां वह अमेरिकी हितों को आगे बढ़ा सकता है और दुनिया को फायदा पहुंचा सकता है. हालांकि कोई संदेह न रखें, हमने पिछले सप्ताह ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर चीन हमारी संप्रभुता के लिए खतरे उत्पन्न करता है, तो हम अपने देश की रक्षा के लिए कार्रवाई करेंगे.
अमेरिका का अनुरोध चीन ने ठुकराया चीन के जासूसी गुब्बारे को मारे गिराए जाने के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चीनी रक्षामंत्री जनरल वेई फेंघे से फोन पर बातचीत का अनुरोध किया था, जिसे चीन ने ठुकरा दिया. चीन ने कहा, उसके गुब्बारे को गिराकर अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया.
दावा भारत समेत कई देशों में भेजे गए चीनी जासूसी गुब्बारे
चीन का जासूसी गुब्बारा केवल अमेरिका में ही नहीं भारत समेत पांच अन्य देशों में भी देखा जा चुका है. ये दावा एक मीडिया रिपोर्ट में किया गया है. रक्षा व खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि चीन के पास गुब्बारों का बड़ा बेड़ा है. अमेरिका ने भारत समेत अपने सहयोगियों को इस बारे में अवगत कराया है.