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कनाडा अगर सबूत देता है तो हम उस पर गौर करेंगे जयशंकर

वाशिंगटन . विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में शुक्रवार को कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री ने पहले निजी तौर पर और फिर सार्वजनिक रूप से कुछ आरोप लगाए थे. निजी और सार्वजनिक रूप से उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया यह थी कि उनका आरोप हमारी नीति के अनुरूप नहीं था. हमने कनाडा से सबूतों की मांग की है. हमें उनके सबूतों का इंतजार है. अगर कनाडा कुछ सबूत देता है तो हम उस पर गौर करेंगे.

कनाडाई आरोपों पर चर्चा हुई जयशंकर ने कहा कि एक दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ उनकी बैठक के दौरान एक खालिस्तानी अलगाववादी की मौत के संबंध में कनाडाई आरोपों पर चर्चा की गई थी. उन्होंने कहा कि बैठक के बाद दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने बेहतर जानकारी साझा की. जयशंकर से थिंक-टैंक ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ में पूछा गया था कि क्या विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में ब्लिंकन के साथ उनकी बैठक के दौरान कनाडाई आरोपों का मुद्दा उठा था. उन्होंने कहा, हां, मैंने ऐसा किया था.

राजनयिकों को खुली धमकियां दीं विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि कनाडा में सुरक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिकों को खुली धमकियां दी गई हैं और वे सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. भारत के लिए कनाडा एक ऐसा देश बन गया है जहां भारत से संगठित अपराध, लोगों की तस्करी के साथ मिश्रित हो गया है, अलगाववाद और हिंसा के साथ मिश्रित हो गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि कनाडाई प्रधानमंत्री की टिप्पणी से पहले इस मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच काफी विमर्श हो चुका है.

‘दुनिया को वैश्वीकरण की सख्त जरूरत’

जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया को किसी तरह के पुन वैश्वीकरण की सख्त जरूरत है. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत गैर पश्चिमी देश है, लेकिन पश्चिम का विरोधी नहीं है.

जयशंकर वाशिंगटन डीसी में ‘थिंक टैंक’ हडसन इंस्टीट्यूट द्वारा ‘नई प्रशांत व्यवस्था में भारत की भूमिका’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

भारत और अमेरिका रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से यहां मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर जोर दिया. वैश्विक विकास पर भी चर्चा की. भारत में हुए जी-20 सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत है. जयशंकर पांच दिन की वाशिंगटन यात्रा पर हैं.

 

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