भारतीय नौसेना में स्कॉर्पीन श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी शामिल होगी

अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि भारतीय नौसेना 23 जनवरी को पांचवीं स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी वागीर को अपने बेड़े में शामिल करेगी.
प्रोजेक्ट-75 के तहत बनी पनडुब्बी को नौसेना की युद्धक क्षमता में ऐसे समय में शामिल किया जाना तय है, जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे. चीन के बढ़ते आक्रमणों की पृष्ठभूमि में भारतीय नौसेना हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है. प्रोजेक्ट-75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है.

पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया जा रहा है. कलवरी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है. बता दें कि तत्कालीन वागीर को 1 नवंबर, 1973 को कमीशन किया गया था. लगभग तीन दशकों तक देश की सेवा करने के बाद जनवरी 2001 में पनडुब्बी को सेवामुक्त कर दिया गया था.
अधिकारी ने कहा, 12 नवंबर 2020 को वागीर लॉन्च किया गया. उसने पिछले साल फरवरी में अपनी पहली समुद्री यात्रा की. पनडुब्बी को 20 दिसंबर को एमडीएल द्वारा भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था. वागीर भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता को बढ़ावा देगा. वागीर एंटी-सरफेस वारफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, इंटेलिजेंस इकह्वा करने, माइन बिछाने और निगरानी मिशन सहित विभिन्न मिशनों को पूरा करने में सक्षम है.