
ओटावा . कनाडा में मारे गए खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में अब शक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर जा रहा है. दावा किया गया है कि कनाडा की जांच एजेंसियों ने इस मामले में आईएसआई एजेंटों से भी पूछताछ की है.
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पुलिस को इस बात का शक है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू, आईएसआई एजेंट राव और तारिक किरयानी ने मिलकर उसकी हत्या का जाल बिछाया था. पुलिस ने एजेंट राहत राव से लंबी पूछताछ की और उसे पुलिस के सामने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भी पोस्ट भी हटाने को कहा गया. सूत्रों की माने तो पुलिस को इस बात की आशंका है कि निज्जर की हत्या के पीछे मादक पदार्थ तस्करी, प्रवासी व्यापार पर नियंत्रण हो सकता है, जो माफियाओं की कमाई का मुख्य स्रोत है. हालांकि पुलिस ने अब तक एजेंट से पूछताछ के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस पूछताछ के तार निज्जर की हत्या से जुड़े हैं.
खालिस्तानी आतंकी और आईएसआई संपर्क में कनाडा में खालिस्तान समर्थक और पाकिस्तान की आईएसआई के बीच संपर्क है और दोनों मिलकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का काम करते हैं. यहां राहत राव और तारिक किरयानी आईएसआई के एजेंट हैं जो उन आतंकियों से सीधे संपर्क में रहते हैं जो भारत से सीधे कनाडा पहुंचते हैं. सूत्रों की मानें तो पुलिस का मानना है कि राव के पास निज्जर की हत्या की जानकारी है. कहा जा रहा है कि मादक पदार्थों के कारोबार पर निज्जर की मजबूत पकड़ थी और इसी वजह से आईएसआई ने उसकी हत्या करवा दी.
कनाडाई सेना की वेबसाइट हैक
भारत-कनाडा तनाव के बीच उसकी सेना की वेबसाइट को हैकरों ने हैक कर लिया. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय हैकरों ने कुछ समय के लिए कनाडाई सेना की वेबसाइट को जाम कर दिया गया था. इस साइबर हमले की जिम्मेदारी इंडियन साइबर फोर्स नामक हैकरों के समूह ने एक्स (पहले ट्विटर) पर ली है. हालांकि हैकरों का भारत से कोई संबंध सामने नहीं आया है.