
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अगले साल काफी व्यस्त कार्यक्रम है. इसरो के मुताबिक अगले साल कई प्रक्षेपण कार्यक्रम है, जिसमें वाणिज्यिक, नेविगेशन, सूर्य और चंद्रमा मिशन शामिल हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि मिशन चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के संबंध में एकीकरण परीक्षण चल रहा है. केंद्रीय अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि, भारत के प्रमुख अंतरिक्ष कार्यक्रमों में मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र है, जिसे भारत में गगनयान परियोजना कहते हैं. इसके तहत 2024 में अंतरिक्ष में भारत अपनी पहली चालक दल की उड़ान भेजने की योजना बना रहा है.
भारतीय अंतरिक्ष उद्योग विश्वसनीयता और अर्थव्यवस्था के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. भारत को अपने प्रमुख अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान – पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल या पीएसएलवी के लिए दुनिया में अधिकतम सफलता अनुपात अर्जित होने पर गर्व है. कुछ सप्ताह पहले ही भारत के पीएसएलवी ने विकसित और विकासशील दोनों देशों के 36 उपग्रह लॉन्च किए हैं. डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अब तक 100 से अधिक उपग्रह लॉन्च किए हैं. जीसैट, पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों और अंतरिक्ष आधारित सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के लिए व्यापक इन-हाउस उपग्रह निर्माण क्षमताएं हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने अपना जीपीएस भी विकसित कर लिया है, जिसे हम इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम या आईआरएनएसएस कहते हैं.
क्या है चंद्रयान को लेकर ताजा अपडेट?
केंद्रीय राज्य मंत्री के मुताबिक, चंद्रयान-3 के मिशन को अंतिम रूप दिया जाना, उप-प्रणालियों का निर्माण, कंसॉलिडेशन, अंतरिक्ष यान स्तरीय विस्तृत परीक्षण और पृथ्वी पर प्रणाली के परफॉर्मेंस के मूल्यांकन के लिए कई विशेष परीक्षण जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं. सिंह के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के कारण पिछले कुछ समय से इसके काम में रुकावटें आई हैं. अनलॉक के बाद चंद्रयान-3 पर फिर से काम शुरू हो गया है और अब यह तेजी से पूरा हो रहा है.
चंद्रयान 3 को लेकर ISRO चीफ के. सिवन ने बताया था कि 2022 में लॉन्च की उम्मीद है. सिवन के मुताबिक, कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से चंद्रयान-3 और देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ सहित ISRO की कई परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 में पहले की तरफ इस बार ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा. फिलहाल इस पर काम चल रहा है. यह चंद्रयान-2 की तरह ही है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा. चंद्रयान-2 के साथ भेजे गए ऑर्बिटर को ही चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा मिशन को जून 2023 में लांच करने की तैयारी है. अंतरिक्ष एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि इसरो सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए अपने उपग्रह आदित्य-एल 1 कोरोनोग्राफी अंतरिक्ष यान के साथ सूर्य के लिए अपने मिशन की भी योजना बना रहा है. इसरो के अनुसार, अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु L1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा.