गगनयान मिशन की तैयारियों पर ISRO का परीक्षण शुरू

बेंगलुरु . भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान मिशन की तैयारियों को लेकर परीक्षण शुरू कर दिया है. गगनयान के लैंडिंग के बाद उसे समुद्र में रिकवर के लिए इसरो और नौसेना ने वाटर सर्वाइवल टेस्ट फेसिलिटी (डब्ल्यूएसटीएफ) में परीक्षण किया.
इस टेस्ट में तेज लहरों में गगनयान के क्रू मॉड्यूल को तेज लहरों में तैरने के लिए छोड़ दिया गया. ताकि तैरने की क्षमता को जांचा जा सके. एजेंसी ने बताया कि केरल के कोच्चि में नौसेना के डब्ल्यूएसटीएफ में परीक्षणों के लिए द्रव्यमान, गुरुत्वाकर्षण के केंद्र, बाहरी आयामों और नीचे उतरने पर वास्तविक क्रू माड्यूल के बाहरी हिस्से पर पर काम करने वाले क्रू मॉड्यूल रिकवरी मॉडल का उपयोग किया गया.

तीन दिन का है मिशन
गगनयान मिशन को भारतीय जल में संचालित किया जाएगा. समग्र पुनर्प्राप्ति अभियान का नेतृत्व भारतीय नौसेना कर रही है. परियोजना के तहत तीन सदस्यों के चालक दल को तीन दिन के मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजा जाएगा.
विकास इंजन का पहला थ्रॉटलिंग हॉट टेस्ट किया
इस बीच, इसरो ने कहा कि भविष्य के प्रक्षेपण यान में बूस्टर स्टेज रिकवरी को सक्षम करने के लिए विकास इंजन का पहला थ्रॉटलिंग हॉट टेस्ट किया गया. इस दौरान 43 सेकंड की अवधि के लिए लक्षित 67 प्रतिशत थ्रस्ट लेवल थ्रॉटलिंग का लक्ष्य रखा गया. इसरो इस मिशन को 2023 में लॉन्च करने की तैयारी में है.
चरणबद्ध तरीके से परीक्षण
इसरो ने कहा, चालक दल के सदस्यों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए बड़ी संख्या में परीक्षण करके पुनर्प्राप्ति प्रक्रियाओं का व्यापक रूप से अभ्यास किया जा रहा. पुनर्प्राप्ति परीक्षण शुरू में एक बंद जलाशय में किए जाएंगे. उसके बाद चरणबद्ध तरीके से एक बंदरगाह और फिर एक खुले समुद्र में होंगे.