खास खबर

भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय बिना शर्त हुआ था: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने गुरुवार को कहा कि ‘भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय बिना किसी शर्तों के साथ हुआ था और यह अपने आप में परिपूर्ण था.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ताओं के वकील से जानना चाहा कि सर्वोच्च क्या है, संविधान या विलय समझौता. इसके जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता जफर शाह ने कहा, यह विलय का साधन है. उन्होंने फिर पूछा, सवाल वही है- सर्वोच्च क्या है संविधान या विलय का साधन. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, बेशक भारत का संविधान सर्वोच्च है, लेकिन इसमें अनुच्छेद-370 भी शामिल है.

संविधान पीठ ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर पांचवे दिन सुनवाई की. इस दौरान संविधान पीठ ने कहा कि राज्य सूची के विषयों पर जम्मू-कश्मीर के अलावा किसी भी राज्य के लिए कानून बनाने की संसद की शक्ति पर प्रतिबंध है. पीठ ने साफ कहा कि विधायी शक्तियों के वितरण से भारत की संप्रभुता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि अनुच्छेद-370 का प्रावधान ऐसा है कि इसमें कभी संशोधन नहीं हो सकता, यह एक खतरनाक बात है. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित भारत के संविधान की पहली अनुसूची में मूल प्रविष्टि क्या है, जवाब में अधिवक्ता शाह ने कहा कि मूल संविधान मेरे पास है, मैं दिखाऊंगा कि 1954 के आदेश में क्या है और 1949 के संविधान में क्या था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button