
नई दिल्ली . सेबी ने कागज के शेयर रखने वाले निवेशकों को कुछ राहत देते हुए अपने ग्राहक को जानें (KYC) मानदंडों के अनुपालन के लिए समय सीमा को छह माह बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है. इस अवधि में कागज वाले शेयर को इलेक्ट्रिॉनिक रूप में बदलवाकर डीमैट खाते में जमा करना होगा. ऐसा नहीं होने पर आपके शेयर बोनस, लाभांश और अन्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए अमान्य हो जाएंगे.
अनुपालन करने में विफल रहने पर एक अक्तूबर के बाद आरटीए फोलियो को फ्रीज कर देगा. इतना ही नहीं बल्कि 31 दिसंबर, 2025 तक फ्रीज हुए शेयरों या फोलियो के लिए आरटीए और सूचीबद्ध कंपनियों को बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988, या धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत अधिकारियों को सूचित करने की आवश्यकता होगी. उद्योग के अनुमानों के अनुसार, शेयर बाजार में लगभग करीब डेढ़ प्रतिशत शेयरधारिता अभी भी भौतिक रूप में है जिनका कुल मूल्य 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
क्या है प्रक्रिया
डीमैट खाता खुल जाने पर अपने काजगी शेयरों को डीमैटेरियलाइज्ड फॉर्मेट में बदलने के लिए आवेदन दें
डीआरएफ के जमा होने के बाद आपको सभी सरेंडर शेयरों के लिए एक एक्नॉलेजमेंट पर्ची मिलेगी
इसके बाद अपने कागजी शेयरों को डीमैट खोलने वाली कंपनी के पास डीमैटेरियलाइज्ड आवेदन फॉर्म (डीआरएफ) के साथ जमा करना होगा
जांच और सत्यापन के बाद आपके कागजी शेयर डीमैट खाते में आ जाएंगे
बीते वित्त वर्ष में 2.5 करोड नए डीमैट खाते खुले
पिछले वित्त वर्ष में बाजार में सुस्त रिटर्न के बावजूद करीब 2.5 करोड़ डीमैट खाते खुले. सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के पास डीमैट खाते की संख्या में पिछले 12 महीने में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसके साथ ही कुल डीमैट खाते की संख्या 8.97 करोड़ से बढ़कर 11.44 करोड़ पहुंच गई है. उल्लेखनीय है पिछले वित्त वर्ष एनएसई निफ्टी में 0.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. वहीं मिडकैप में 1.2 फीसदी की तेजी आई और स्मॉलकैप 13.8 फीसदी तक टूट गया. विशेषज्ञों का कहना है कि नए ग्राहकों के लिए उतारचढ़ाव बहुत बड़ी चुनौती नहीं रही है.