
नई दिल्ली . G-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में तीन प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करेगा. इनमें आपातकालीन स्वास्थ्य, दवा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना और डिजिटल स्वास्थ्य तथा नवाचार शामिल हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह बात कही.
उन्होंने कहा कि कोरोना ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है. अब जब भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है तो सबसे महत्वपूर्ण है कि भविष्य में सभी देश ऐसी चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करें. इसी के मद्देनजर आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के तहत रोकथाम से जुड़े उपायों, तैयारियों, त्वरित प्रतिक्रिया तथा एक स्वास्थ्य के मुद्दों को शामिल किया है. स्वास्थ्य क्षेत्र में पशुओं से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों की निगरानी और शोध शामिल है. एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ पैदा होती प्रतिरोधक क्षमता के मामले को कार्यसूची में रखा गया है.
दवा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करेंगे दूसरी प्राथमिकता दवा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाना है. इससे कम कीमत पर दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने का रास्ता साफ होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा जा रहा है और भारत निम्न- मध्यम आय वाले देशों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है.
कोरोना काल में शुरू की गई टेली-मेडिसिन प्लेटफार्म ई-संजीवनी पर 8.9 करोड़ लोगों को चिकित्सा परामर्श दिया जा चुका है. इससे दूर-दराज के गावों को सस्ती और स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं संभव हो सकी है. उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी पर एक काल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा लेने में औसतन 24 किलोमीटर का सफर से मुक्ति मिल रही है और लगभग 1000 करोड़ रुपये की बचत हो रही है. इसके साथ ही मरीजों को विशेषज्ञ डाक्टरों की सलाह भी मिल रही है. उन्होंने कहा कि यह दुनिया में सस्ती और स्तरीय स्वास्थ्य मुहैया कराने का बेहतरीन समाधान साबित हो सकता है. खासतौर पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रहे गरीब और विकासशील देश इससे ज्यादा लाभांवित हो सकते हैं.
तीसरी प्राथमिकता के तहत डिजिटल स्वास्थ्य के लिए मौजूदा वैश्विक प्रयासों को एक संस्थागत ढांचे में परिवर्तित करने के उद्देश्य से भारत डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और समाधान पर ध्यान केंद्रित करेगा.
मनसुख मांडविया ने कहा कि जी-20 सम्मेलन का थीम वसुधैव कुटुम्बकम है और भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में पहले ही इसी पर काम कर रहा है. इसीलिए भारत डिजिटल प्लेटफार्म को ओपन प्लेटफार्म पर बनाया, जो पूरी दुनिया के लिए मुफ्त में उपलब्ध है. कोविन ओपन प्लेटफार्म पर उपलब्ध है और ई-संजीवनी को भी उपलब्ध कराने की तैयारी है.