जांच एजेंसियों पर कई लोगों को भरोसा नहीं

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को बीबीसी के कार्यालयों में आयकर सर्वेक्षण की आलोचना करने वालों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कुछ लोग विदेशी संस्था पर भरोसा करते हैं लेकिन भारतीय जांच एजेंसियों पर नहीं.
बीबीसी के दफ्तरों में कर सर्वे पर प्रसार भारती के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेम्पति की राय को साझा करते हुए रिजिजू ने कहा कि यह प्रत्याशित है, देश में यही इको-सिस्टम खत्म हो गया है. रिजिजू ने ट्वीट किया, कुछ लोग विदेशी समाचार एजेंसियों पर भरोसा करते हैं, लेकिन वे भारतीय एजेंसियों पर भरोसा नहीं करेंगे. वे बीबीसी की कसम खाते हैं, लेकिन वे भारतीय अदालतों पर विश्वास नहीं करेंगे. अगर कोई प्रतिकूल फैसला सुनाया गया तो वे सुप्रीम कोर्ट की भी आलोचना करेंगे.
बीबीसी के वृत्तचित्र पर नई जनहित याचिका
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी के एक वृत्तचित्र को अवरुद्ध करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में एक नई जनहित याचिका दायर की गई. शीर्ष कोर्ट मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार एन राम, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, वकील प्रशांत भूषण और वकील एम एल शर्मा द्वारा दायर दो याचिकाओं पर पहले से ही सुनवाई कर रही है. गत तीन फरवरी को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना व न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने दो याचिकाओं पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह वृत्तचित्र को अवरुद्ध करने के फैसले से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करे.
बीबीसी दफ्तरों पर 60 घंटे तक चला सर्वे खत्म
बीबीसी के कार्यालयों में लगातार तीन दिनों तक चला आयकर विभाग का सर्वे ऑपरेशन करीब 60 घंटे बाद गुरुवार रात को खत्म हो गया. आयकर विभाग की टीम दिल्ली और मुंबई के कार्यालयों से निकल गई. इस दौरान अधिकारियों ने कुछ चुनिंदा कर्मचारियों के वित्तीय डेटा एकत्र किए और समाचार संगठन के इलेक्ट्रॉनिक एवं कागजी आंकड़ों की प्रतियां बनाईं. सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने कथित कर चोरी की जांच के तहत बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों में मंगलवार को पूर्वाह्न करीब 1130 बजे सर्वे ऑपरेशन शुरू किया था.