
कोलकाता . लंबे इंतजार के बाद बुधवार को देश में पहली बार पानी के अंदर बनी सुरंग में मेट्रो दौड़ी. यह मेट्रो हुगली नदी से होकर हावड़ा पहुंची. कोलकाता मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक पी उदय कुमार रेड्डी ने मेट्रो में बीबीडीबाग महाकरण से हावड़ा मैदान स्टेशन तक मेट्रो रेल की रैक नंबर एमआर-612 से पहली यात्रा की. इस दौरान रेड्डी के साथ मेट्रो के अतिरिक्त महाप्रबंधक एचएन जायसवाल, कोलकाता मेट्रो रेलवे कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. इसके बाद में रैक नंबर एमआर-613 को भी हावड़ा मैदान ले जाया गया.
सात महीनों तक चलेगा ट्रायल रन
महाप्रबंधक ने बताया कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ट्रायल रन अगले सात महीनों तक चलेगा. इसके बाद इस खंड पर नियमित सेवाएं शुरू हो जाएंगी. केएमआरसीएल के सभी कर्मचारी, इंजीनियर के प्रयासों और देखरेख में इस इंजीनियरिंग चमत्कार को हासिल किया गया है. वे खुश हैं कि उनका सपना सच हो गया है. वहीं, मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा, यह एक ऐतिहासिक क्षण है.
देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन
इस सेक्शन के चालू हो जाने के बाद, हावड़ा मैदान देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन – सतह से 33 मीटर नीचे – बन जाएगा. उन्होंने कहा कि मेट्रो से हुगली नदी के नीचे 520 मीटर के हिस्से को 45 सेकंड में कवर करने की उम्मीद है. नदी के नीचे यह सुरंग पानी की सतह के स्तर से 32 मीटर नीचे है.
इस कारण से लेट हुआ प्रोजेक्ट
हावड़ा मैदान और साल्ट लेक में सूचना प्रौद्योगिकी हब सेक्टर V को जोड़ने वाला ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर सियालदह और सेक्टर V स्टेशनों के बीच आंशिक रूप से चालू है. मध्य कोलकाता के बोउबाजार क्षेत्र में दुर्घटनाओं के कारण पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी हुई है. 31 अगस्त, 2019 को, एक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ने एक जलभृत को टक्कर मार दी थी, जिससे गंभीर भू-धंसाव हुआ और बोबाजार में कई इमारतें ढह गईं.
पूर्व में सियालदह की ओर से आने वाली सुरंगों और पश्चिमी तरफ एस्प्लेनेड की ओर से आने वाली सुरंगों में शामिल होने के लिए काम के दौरान पानी के रिसाव के कारण जमीन धंसने के कारण मई 2022 में कई घर फिर से क्षतिग्रस्त हो गए थे.