MP मंदसौर में है भगवान कुबेर का प्राचीन मंदिरः मान्यता- देवताओं ने उड़ाकर लाया था
भगवान शिव और गणेश के साथ विराजमान हैं कुबेर, तंत्र क्रिया के लिए प्रसिद्ध

मंदसौर। दीपावली का पर्व माता लक्ष्मी की आराधना के लिए खास माना जाता है। हर कोई माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के जतन करता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने से पहले उनके कोष की रक्षा करने वाले भगवान कुबेर को खुश करना जरूरी होता है। इसलिए धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा होती है। आमतौर पर कुबेर मंदिर कम ही मिलते लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर में मौजूद एक कुबेर मंदिर अतिप्राचीन और मंदिर की कई खूबियां इसे खास बनाती है। मंदसौर शहर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर खिलचिपुरा में स्थित भगवान कुबेर का यह अतिप्राचीन मंदिर, देखने में छोटा किन्तु मान्यताओं और विशेषताओं में बहुत बड़ा है। जानकारों के अनुसार यह मंदिर यहां यतियों द्वारा उड़ाकर लाया गया था। एक वक्त था जब तंत्र क्रिया करने वाले यतियों को कई तरह की शक्तियां प्राप्त थी। यही कारण है कि आज भी इस मंदिर की नींव ही नहीं मिल पाई है। करीब 1400 वर्षों पुराने कुबेर मंदिर को सामने से देखने पर वह तिरछा ही नज़र आता है।




