
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच सोमवार को कहा कि भारत ऐसी विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता है, जहां कुछ देशों को दूसरों से श्रेष्ठ माना जाता है. भारत के लिए कोई देश छोटा-बड़ा नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्य देशों के साथ भारत के संबंध पारस्परिक सम्मान पर आधारित हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया की दिशा में भारत के राष्ट्रीय प्रयास न तो अलगाववादी हैं और न ही वे अकेले देश के लिए हैं. साथ ही उन्होंने विभिन्न सैन्य उपकरणों के उत्पादन के लिए भारत के साथ साझेदारी की खुली पेशकश भी की. आगामी एयरो इंडिया प्रदर्शनी के सिलसिले में राजदूतों के गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध मानवीय समानता और गरिमा के मूल तत्व द्वारा निर्देशित हैं. भारत ग्राहक या उपग्रह (आश्रित) राष्ट्र बनने या बनाने में विश्वास नहीं रखता. एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी कहे जाने वाले एयरो इंडिया के 14वें संस्करण का आयोजन 13 से 17 फरवरी तक बेंगलुरु में किया जाएगा.
राजनाथ सिंह ने कहा, साझेदारी और संयुक्त प्रयास दो प्रमुख शब्द हैं, जो भारत के रक्षा उद्योग सहयोग को अन्य देशों से अलग करते हैं. मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम में मेक-फॉर-द-वर्ल्ड (दुनिया के लिए) समाहित है. उन्होंने कहा, आत्मनिर्भरता की पहल भारत के भागीदार देशों संग साझेदारी के नए प्रतिमान की शुरुआत है. उन्होंने कहा, रक्षा अनुसंधान और विकास व विनिर्माण के क्षेत्र में यह रक्षा अनुसंधान, विकास और उत्पादन में संयुक्त प्रयासों और साझेदारी के वास्ते आप सभी के लिए एक खुली पेशकश में तब्दील हो जाता है.