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जोशीमठ के संकट पर प्रधानमंत्री मोदी ने पुष्कर सिंह धामी से फोन पर की बात, मांगी स्थिति की पूरी जानकारी

देहरादून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर जोशीमठ भूधंसाव पर विस्तार से जानकारी ली. उन्होंने सीएम से पानी के रिसाव, पुनर्वास, मौके पर गई वैज्ञानिकों और अफसरों की टीम के बारे में बात की. मोदी ने भरोसा दिया कि केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड सरकार को हरसंभव सहयोग किया जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पीएम ने फोन पर पूछा कि जोशीमठ में लोगों की सुरक्षा के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं, लोग किस प्रकार से रह रहे हैं, कितना नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को जोशीमठ को बचाने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों की टीम पहाड़ में जोशीमठ के साथ ही अन्य संवेदनशील इलाकों में अध्ययन करेगी. इसमें देखा जाएगा कि पहाड़ पर बसे ऐसे शहरों की धारण क्षमता कितनी है. यदि धारण क्षमता पूरी हो गई है तो ऐसे शहरों को व्यवस्थित करने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी.

पीएमओ में बैठक प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को उत्तराखंड के जोशीमठ की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मौजूदा खतरे को ध्यान में रखते हुए जोशीमठ के लिए एक शहरी विकास योजना तैयार की जानी चाहिए.

विशेषज्ञों की टीम गठित

केंद्र सरकार ने जोशीमठ के हालात का अध्ययन करने के लिए सात संगठनों के विशेषज्ञों की टीम गठित की. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की एक टीम अध्ययन करेगी और हालात पर अपनी सिफारिश सौंपेगी.

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